
-मनु वाशिष्ठ-

भारत देश के दो महात्मा
गांवों में बसती जिनकी आत्मा।
स्वतंत्रता की बन गए थे आंधी
नाम उनका बापू गांधी।
सादगी की थे वो मिसाल
शास्त्री थे ऐसे, धरती के लाल।
एक पर था देश को भरोसा
तो दूसरे थे भारत की आस।
जन्मदिवस दोनों का एक ही दिन
मृत्यु भी थी एक जैसी ही,
हर लिए शांतिदूतों के प्राण।
एक का नारा अमन
एक का जय जवान जय किसान!
मुख से निकला हे राम!
ऐसे महात्माओं को मेरा प्रणाम!!
_ मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान
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