नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने रविवार को पंजाब पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। वह 18 मार्च से फरार चल रहा था। अमृतपाल सिंह को असम के डिब्रूगढ़ में रखा जाएगा। डिब्रूगढ में उसके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं। पंजाब पुलिस के अनुसार वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल को मोगा में गिरफ्तार किया गया। पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने तथा पफेक न्यूज से सावधान रहने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि किसी भी न्यूज की पुष्टि अवश्य करें और अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
अमृतपाल सिंह ने अपनी पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर हवाई अड्डे पर पूछताछ के लिए पकड़े जाने के तीन दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी पत्नी किरणदीप कौर लंदन भागने की कोशिश कर रही थी। सीमा शुल्क विभाग द्वारा पूछताछ के लिए किरणदीप कौर को कानूनी प्रक्रिया के तहत एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया।
इस साल फरवरी में, खालिस्तान समर्थक और स्वयंभू सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के सैकड़ों समर्थक अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गए थे और उनकी पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हुई थी। 29 वर्षीय अमृतपाल के कुछ समर्थकों ने तलवारें और बंदूकें लहराईं, बैरिकेड्स को तोड़ दिया और पुलिस थाने पर धावा बोल दिया और अपहरण के एक मामले में आरोपी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा करने की मांग की। अधिकारियों के मुताबिक, झड़प के दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
रूपनगर जिले के चमकौर साहिब निवासी बरिंदर सिंह को कथित रूप से अगवा करने और पिटाई करने के आरोप में अमृतपाल सिंह और उनके 30 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।