
हैदराबाद। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अगले साल के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने का आह््वान करते हुए रविवार को कहा कि यह महात्मा गांधी को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि 2024 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में गांधीजी के चुनाव की शताब्दी मनाई जाएगी।
हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा पारित एक प्रस्ताव में कहा कि देश के लोग बदलाव की तलाश में हैं। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेताओं ने भाग लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं से व्यक्तिगत मतभेदों और हितों को किनारे रखकर पार्टी की सफलता के लिए अथक प्रयास करने का आग्रह किया है। रविवार को हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की विस्तारित बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, खरगे ने अपनी पार्टी के सदस्यों से आत्म संयम बरतने और अपने नेताओं के खिलाफ मीडिया में बयान देने से बचने को कहा, जो पार्टी के हित को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने एकजुटता पर और जोर देने के लिए कर्नाटक में हालिया सफलता का हवाला दिया और बताया कि केवल एकता और अनुशासन के साथ ही पार्टी ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सकती है। “हमें व्यक्तिगत हितों को किनारे रखकर अथक परिश्रम करना चाहिए। हमें अपने व्यक्तिगत मतभेदों को किनारे रखकर पार्टी की सफलता को प्राथमिकता देनी चाहिए। खरगे ने कहा कि हमें आत्मसंयम रखना चाहिए और अपने नेताओं या पार्टी के खिलाफ बयान लेकर मीडिया में जाने से बचना चाहिए ताकि पार्टी के हितों को नुकसान न पहुंचे। इसी प्रकार, संगठनात्मक एकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। एकता और अनुशासन से ही हम अपने विरोधियों को हरा सकते हैं। यह कर्नाटक में स्पष्ट था, जहां हम एकजुट रहे और सफलता हासिल करने के लिए अनुशासन के साथ संघर्ष किया।”
खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, ये चुनौतियां सिर्फ कांग्रेस पार्टी की नहीं हैं बल्कि ये भारतीय लोकतंत्र के अस्तित्व और भारतीय संविधान के संरक्षण से जुड़ी हैं। अगले दो से तीन महीनों में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, जबकि लोकसभा चुनाव केवल छह महीने दूर हैं। हमें जम्मू-कश्मीर में संभावित विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने सामाजिक न्याय और कल्याणवाद का एक नया मॉडल पेश किया है। हमें इन कल्याणकारी योजनाओं का पूरे देश में प्रचार करना चाहिए। मैं यहां उपस्थित प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या मंडल, ब्लॉक और जिला स्तर पर आपकी कमेटियां तैयार हैं? क्या हम उन्हें नियमित कार्यक्रम दे रहे हैं? क्या हमने संभावित उम्मीदवारों की पहचान शुरू कर दी है?
उन्होंने यह भी कहा कि यह पार्टी नेताओं के लिए आराम करने का समय नहीं है। भाजपा शासन में पिछले 10 वर्षों में आम लोगों के सामने चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं की चिंताओं का समाधान करने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, वह खुद से परे नहीं देख सकते।