
-देवेन्द्र यादव-

जेपी नड्डा के बाद भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर लंबे समय से चल रही है। चर्चा के बीच जेपी नड्डा को दो बार एक्सटेंशन भी मिल चुका है। लेकिन अब यह चर्चा जोरों पर है कि भारतीय जनता पार्टी अपने नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। नए अध्यक्ष के लिए अनेक नेताओं के नाम चर्चा में आए और मीडिया में सुनाई दिए। यह भी सुनाई दे रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का नया अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद का होगा। हाल ही में इसके लिए संजय जोशी का नाम तेजी से सामने आया लेकिन संजय जोशी का नाम उसी तेजी के साथ गायब भी हो गया। अब राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का चौंकाने वाला नाम सामने आया है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी खबर तैर रही है कि संघ गुजरात लॉबी की पसंद का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चाहता है। संघ अपनी पसंद का अध्यक्ष बनाना चाहता है एसे में वसुंधरा राजे का नाम अध्यक्ष पद के लिए आना सभी को चौंका देने वाला नाम है। इसका कारण यह है कि वसुंधरा राजे और गुजरात की राजनीतिक जोड़ी मोदी और शाह के बीच 36 का आंकड़ा है। लेकिन सवाल यह है कि आरएसएस की पसंद वसुंधरा क्यों हैं। वास्तव में इसके कई राजनीतिक कारण हैं। वसुंधरा राजे मां विजय राजे सिंधिया भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता रहीं। सिंधिया परिवार की भारतीय जनता पार्टी के उदय से लेकर राजनीतिक रूप से ताकतवर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की सफल मुख्यमंत्री रही हैं। वसुंधरा राजे की राजनीतिक सफलता का राज ईमानदारी से सबका साथ सबका विकास की नीति रहा है। वसुंधरा राजे को सभी धर्म के लोग और 36 कोम के लोग पसंद करते हैं। यही वजह है कि श्रीमती वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह अभी तक कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं। दोनों लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं !
वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दो बार प्रचंड बहुमत के साथ राजस्थान में अपनी सरकार बनाई।
वसुंधरा राजे को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पीछे संघ की यह मंशा भी हो सकती है कि यदि संघ ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद के बगैर अध्यक्ष बनाया तो, उसके सामने पार्टी चलाने के लिए आर्थिक संकट आ सकता है। ऐसे में यदि संघ श्रीमती वसुंधरा राजे को अध्यक्ष बनती है तो पार्टी के सामने आर्थिक संकट नहीं आएगा इस संकट को वसुंधरा राजे संभाल सकती हैं।
वसुंधरा राजे राजनीतिक रूप से देश में भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक ताकत को भी कमजोर नहीं होने देगी क्योंकि वसुंधरा राजे राजनीतिक रूप से किसी राजनीतिक चाणक्य से कम नहीं हैं। राजस्थान में वसुंधरा महिलाओं के बीच लोकप्रिय नेता हैं। वह आम लोगों के साथ ऐसे घुल मिल जाती हैं जैसे वह अपने परिवार के साथ घुल मिलकर रहती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या वसुंधरा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से राष्ट्रीय अध्यक्ष बन पाएंगी ?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)