
बंगलूरू/ हैदराबाद। भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव और इस वर्ष कुछ प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्ष को एक करने के अभियान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री सी चंद्रशेखर राव का अभियान जारी है। इस अभियान की शुरुआत राव की बिहार दौरान के दौरान नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तथा आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी के साथ मुलाकात के साथ हुई थी। जहां राव की अगले माह दशहरा के अवसर पर राष्टीय पार्टी के गठन की घोषणा की संभावना है वहीं नीतीश कुमार ने कर्नाटक के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात कर विपक्षी एकता के प्रयासों की दिशा में एक और कदम बढाया है।
राष्ट्रीय पार्टी के गठन की कर सकते हैं घोषणा
टीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय राजनीति में अपना दखल बढाने के अभियान पर हैं। बिहार की राजनीतिक यात्रा से उत्साहित राव 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय पार्टी के गठन की तैयारी में हैं। दक्षिण भारत विशेषकर आंध्र और तेलंगाना में दशहरा प्रमुख उत्सव है और राव इसी मौके पर राष्ट्रीय पार्टी के गठन की घोषणा कर सकते हैं। राव ने हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की थी। उनकी यह मुलाकात भी सकारात्मक मानी जा रही है। ऐसे में राव 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का प्रमुख चेहरा हो सकते हैं। अभी यह तय नहीं है कि वह राष्टीय स्तर पर नई पार्टी का गठन करेंगे या टीआरएस का ही कायाकल्प करेंगे।

नीतिश और कुमारस्वामी की मुलाकात
इस बीच जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गत छह सितंबर को मुलाकात की। इस दौराने दोनों नेताओं ने राष्टीय राजनीति को लेकर चर्चा की। कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा के पुत्र हैं। देवेगौडा गठबंधन सरकार के दौरान प्रधानमंत्री रहे थे। कुमारस्वामी ने कहा कि जनता परिवार के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार से मुलाकात अविस्मरणीय है। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जेपी आंदोलन से प्रेरणा लेते हुए हमने कर्नाटक, बिहार की राजनीतिक स्थिति और राष्ट्रीय राजनीति के बारे में चर्चा की।
टीआरएस के पूर्ण अधिवेशन में दिए थे संकेत
राव ने पहली बार 27 अप्रैल को टीआरएस के पूर्ण अधिवेशन में राष्ट्रीय पार्टी के गठन और राष्ट्रीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने के संकेत दिए थे। राव ने टीआरएस को राष्टीय पार्टी में बदलने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने का भी संकेत दिया था। हालांकि, इस मुद्दे के आगे नहीं बढ़ने के कारण, अटकलें तेज थीं कि उन्होंने बीआरएस के प्रस्ताव को फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इस बीच, मुख्यमंत्री ने पिछले दो महीनों में जिलों में और हाल ही में मुनुगोड़े उपचुनाव अभियान की बैठक में जनसभाओं में राष्ट्रीय राजनीति के बारे में बात करना शुरू कर दिया।
विभिन्न राज्यों का दौरा कर पार्टी समितियां गठित करेंगे
राव पांच अक्टूबर को दशहरा के अवसर पर राष्ट्रीय पार्टी के गठन की घोषणा के बाद विभिन्न राज्यों का दौरा कर वहां पार्टी समितियां गठित करेंगे। वह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। उनके राज्यों में गैर-भाजपा दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की संभावना है। राव की गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में गैर-भाजपा दलों के साथ गठबंधन कर अपनी राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की योजना है। इन राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए कृषक समुदाय, दलितों और ओबीसी वर्गों के नेताओं की पहचान की जाएगी, जबकि कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों के तेलंगाना मॉडल का प्रदर्शन किया जाएगा, अगर केन्द्र में गैर-भाजपा सरकार सत्ता में आती है तो उन्हें पूरे भारत में लागू करने का आश्वासन दिया जाएगा।