
-द ओपिनियन डेस्क-
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कलेक्शन बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए जीएसटी एक्ट में कई बदलाव किए हैं। यह संशोधन आगामी एक अक्टूबर शनिवार शनिवार से पूरे देश में लागू हो जाएगा। नए कानून के मुताबिक जिन व्यापारियों ने कंपोजिशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन लिया है, अगर वे रिटर्न फाइल करने के तीन महीने बाद तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो उनका जीएसटी नंबर रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा कुछ और अहम बदलाव किए गए हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जीएसटी कानून को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। जिसके मुताबिक 10 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया है। इसी तरह कंपोजीशन स्कीम के व्यापारियों के लिए सख्त प्रावधान किया गया है। इस योजना में शामिल कुछ व्यापारी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा के बाद भी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे थे। कंपोजिशन स्कीम के व्यापारियों को तीन महीने के बाद रिटर्न दाखिल करना होता है लेकिन वे छह महीने बाद एक साथ दो रिटर्न दाखिल करते थे। लेकिन 1 अक्टूबर से रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख से तीन महीने तक रिटर्न फाइल नहीं करने वाले ट्रेडर का नंबर कैंसिल कर दिया जाएगा। अगर कोई व्यापारी समय पर जीएसटीआर-1 फाइल करता है लेकिन जीएसटीआर -3बी समय पर फाइल नहीं करता है, तो उससे माल के खरीदारों को आईटीसी नहीं मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए डेबिट और क्रेडिट नोट जारी करने की तिथि 30 सितंबर 22 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2022 कर दी गई है।
कर सलाहकार नारायण शर्मा ने कहा कि जीएसटी कानूनों में कुछ बदलाव किए गए हैं। जो 1 अक्टूबर से लागू होगा। अब माल बेचने वाला व्यापारी जीएसटीआर -3 बी रिटर्न दाखिल करेगा और टैक्स का भुगतान करेगा तभी सामान खरीदने वाले व्यापारी को आईटीसी मिलेगा।

















