-मनु वाशिष्ठ-

यूपी में रहबौ भलौ,ज्हां है प्रभु रामकृष्ण कौ धाम।
गंगाजमुना तारणहारी,खाइवे भांतिभांति के आम।
गर्मी का मौसम आते ही, गर्मी से भले ही परेशान हों, लेकिन आम का इंतजार सभी को रहता है ।आम के स्वाद की वजह से ही इसे फलों का राजा कहते हैं। यह भारत का राष्ट्रीय फल भी है। आम एक रसीला और मीठा फल है, जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। और बड़े चाव से खाते हैं आम कच्चा हो या पक्का दोनों ही अनूठे गुणों से भरपूर है। प्राकृतिक चिकित्सा में #आमकल्प द्वारा किसी अनुभवी की देखरेख में, शरीर में नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
अपने स्वाद से दीवाना बनाने वाले इस फल की कई किस्में मिलती हैं। किसी को अल्फांसो पसंद है, किसी को दशहरी, किसी को लंगड़ा, किसी को सिंदूरी, किसी को बादाम, तो कोई तोतापुरी आम को बेहतरीन मानता है। तो कइयों को गांव में पेड़ से तोड़ कर लाए, छोटे छोटे देसी चूसा आम खाने में आनंद की अनुभूति होती है। बचपन में पानी की बाल्टी में आम ठंडे करने के लिए रख दिए जाते, और फिर रात में छत पर सब बच्चों में आम चूसने का जो कॉम्पटिशन चलता, उसकी तो बात ही अलग है। वैसे भी आम को नफासत से चम्मच कांटे से खाने में आनंद नहीं है, इसे तो अकेले में आनंद लेकर ही खाइए।
आम पोषक तथा रेचक होने के साथ इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, कई तरह के कैंसर से बचाव में मददगार हैं। इस में ऐसे कई तत्व होते हैं जो कैंसर से बचाते हैं। आम में फाइबर और विटामिन सी की मात्रा भी खूब होती है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद करते हैं। पपीते की तरह आम भी पाचन के लिए अच्छा है। विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, जी जैसे उपयोगी तत्व के अलावा 25 तरह के कैरोटेनॉइड्स होते हैं, जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। पका आम रासायनिक तत्वों से भरपूर होता है। रेशे से भरपूर आम, बवासीर की शिकायत में भी फायदेमंद माना जाता है। आम को पचाने के लिए जीवनी शक्ति का अपव्यय नहीं करना पड़ता, यह स्वयं ही पच जाता है। आम में सभी फलों से अधिक प्रोटीन होता है। जिससे शरीर में विटामिन ए बनता है, नेत्रज्योति तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वरदान है। प्रतिदिन सौ ग्राम आम के प्रयोग से नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। दूध में आम का रस मिलाकर पीने से इसके गुणों में वृद्धि होती है। इसलिए आम खाकर ऊपर से दूध पीने पर शरीर में रक्त का निर्माण होता है। दूध के साथ खाया हुआ पका #आम वात नाशक, पित्त नाशक, रुचिकर, रक्त वर्धक, वीर्यवर्धक, रंग साफ करने वाला, मधुर और शीतल होता है। आम यौन रोगों के लिए भी अच्छा उपाय है। आम का रस चूस कर ऊपर से दूध पीने से आंतों को बल मिलता है। इस तरह यह पूर्ण आहार भी बन जाता है, तथा कब्ज दूर होती है। रक्तचाप भी नियंत्रित होता है। यह बुढ़ापे को रोक युवा बनाए रखने में सहायक व मस्तिष्क की मदद करता है। इसलिए आयुर्वेद के हिसाब से आम जड़ से लेकर तने तक जीवन में बहुत ही उपयोगी है।
आम है खास! प्रकृति हमें कई बीमारियों का उपचार स्वयं उपलब्ध कराती है। आमतौर पर प्राकृतिक उपचार के कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं होते। टाइप टू कंडीशन मधुमेह के लिए आम के मुलायम पत्ते संजीवनी का काम कर सकते हैं।
गर्मी में लू से बचने के लिए भुने आम का पना बनाकर, उसमें चुटकी भर भुना जीरा, चुटकी काला नमक, काली मिर्च, चीनी,पुदीना डालकर तैयार कर पी लें। मधुमेह के रोगी नमक का ही प्रयोग करें, इसे पीने से लू नहीं लगती। इससे लू के बचाव के साथ-साथ प्यास भी कम लगती है। पके आम को गर्म राख में दबाकर भून लें और ठंडा होने पर चूसने से सूखी खांसी ठीक होती है।आम के फल के साथ-साथ पत्तों में भी विटामिन ए होता है जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है, साथ ही ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित रखने में भी सहयोग करते हैं।
हल्के रंग के छोटे आकार के पत्तों को तोड़ने उन्हें अच्छे से धोएं और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर चबाएं। आम की कुछ पत्तियों को धोकर धूप में सुखाएं पाउडर बना लें, इस पाउडर की एक चम्मच लें और एक ग्लास पानी में मिलाकर पी लें। रोज सुबह एक चम्मच सेवन करने से ब्लडशुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। आम की गुठलियों का चूर्ण, दही के साथ लेने से दस्तों में फायदा होता है। आम को पानी में ठंडा करके ही खाएं, जिससे उसकी गर्मी निकल जाए। अन्यथा कई बार ज्यादा आम खाने से फोड़े, फुंसी, दस्त आदि हो जाते हैं। अगर ज्यादा आम खा लिए हों तो, बाद में कुछ (दो,चार) जामुन खाना उपयुक्त है, पेट दर्द नहीं होता।
__ मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान