वैशाख पूर्णिमा आज

-राजेन्द्र गुप्ता-
राजेन्द्र गुप्ता
वैशाख पूर्णिमा का महत्‍व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन भगवान विष्‍णु के नवें अवतार महात्‍मा बुद्ध प्रकए हुए थे। इसलिए इसे बु‍द्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन घर पर सत्‍यनारायण भगवान की कथा करवाने से सुख शांति स्‍थापित होती है और घर से हर प्रकार की बुरी शक्तियां समाप्‍त होती हैं।
वैशाख पूर्णिमा का शास्‍त्रों में बहुत ही खास महत्‍व बताया गया है। इस दिन दान-पुण्‍य और धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को पड़ रही है। मान्‍यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्‍णु के 9वें अवतार माने जाने वाले महात्‍मा बुद्ध प्रकट हुए थे। इस दिन को बौद्ध धर्म के लोग उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। वैशाख पूर्णिमा पर व्रत करने और पितरों के नाम से उनकी पसंद की वस्‍तुएं दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसे कुर्म जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसके पीछे मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु के कुर्म अवतार यानी कच्‍छप अवतार भी हुए थे।
वैशाख पूर्णिमा की तिथि कब से कब तक
=========================
पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा की तिथि 4 मई को मध्‍यरात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर ही लग जाएगी और उसका समापन 5 मई को रात में 11 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस प्रकार से उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन बौद्ध धर्म से जुड़े लोग अपने धार्मिक स्‍थलों पर विशेष आयोजन करते हैं।
वैशाख पूर्णिमा का महत्‍व
=================
वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि यह भारत में दिखाई न देने की वजह से इसका सूतक भी यहां पर मान्‍य नहीं होगा। इस अवसर पर किसी पवित्र नदी में स्‍नान करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करते हुए उन्‍हें अर्घ्‍य देने से आपको बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन घर में सत्‍यनारायण भगवान की कथा करवाने का भी विशेष महत्‍व होता है। आपकी धन और संपदा में वृद्धि होती है। गंगा का स्‍नान करने से सभी दुखों का अंत होता है और कई जन्‍मों के पाप से मुक्ति मिलती है।
वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान और पूजा के शुभ मुहूर्त
===========================
वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान का मुहूर्त : सुबह 4 बजकर 12 मिनट से 4 बजकर 55 मिनट तक।
सत्यनारायण भगवान की पूजा का मुहूर्त : सुब‍ह 7 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक।
चंद्रमा को अर्घ्‍य देने का समय: शाम को पौने सात बजे
लक्ष्‍मी पूजा का शुभ मुहूर्त: 5 मई को रात में 11 बजकर 56 मिनट से 6 मई को 12 बजकर 39 मिनट तक
वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा का साया
=====================
वैशाख पूर्णिमा के दिन इस बार भद्रा भी लग रही है। जो कि शाम को 5 बजकर 01 मिनट से लगेगी और रात को 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ ज्‍योतिषीय कारणों इस बार भद्रा अप्रभावी होगी।
पीपल के पेड़ का उपाय
=================
बुध पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ कर पूजा करने का खास महत्‍व माना गया है। महात्‍मा बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे हुई थी। बोधि वृक्ष पीपल का पेड़ है। इसलिए पीपल वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी है। जल में शक्कर या गुड़ मिलाकर पीपल की जड़ को सींचें और दीप जलाएं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments