
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। दीपावली यानी उल्लास का त्यौहार। नई फसल, बारिश के बाद साज सज्जा का त्यौहार। इन दिनों सभी अपने घरों और दुकानों तथा प्रतिष्ठानों की साफ सफाई और साज सज्जा में जुटे हैं। ऐसे में इसके उपकरणों की भी जरुरत भी पडती है।

इन दिनों भीलवाड़ा के आसींद स्वाईभोज गांव के झाड़ू बनाने वाले दस्तकारों के परिवार ने कोटा के नांता केनाल रोड़ स्थित नयाखेड़ा तिराहे पर अपना डेरा जमाया है। जहां वे स्थानीय स्तर पर खजूर के पत्तों से झाड़ू बनाने में व्यस्त हैं। इन हुनरबाजों को एक-एक झाड़ू बनाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। तैयार होने के बाद इन झाड़ुओं को बिक्री के लिए सड़क पर ही डिस्प्ले कर दिया जाता है जबकि कुछ झाड़ू यह परिवार शहर जाकर बेच आता है।
