मानवता के शिरोमणि है भगवान श्री राम : स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज

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– पी.सी. गुप्ता स्मृति व्याख्यान माला के तहत श्रीराम चरित्र-जीवन दर्शन पर व्याख्यान आयोजित
कोटा. स्वामी श्री गोविन्द देव गिरी महाराज कोषाध्यक्ष श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट, अयोध्या ने पी.सी. गुप्ता स्मृति व्याख्यान माला के तहत रविवार को श्रीराम चरित्र-जीवन दर्शन व्याख्यान दिया। गीता भवन, सरोवर रोड पर आयोजित प्रवचन में उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर विस्तार से अपनी बात रखी और कहा कि भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी भी किसी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उनका व्यक्तित्व मर्यादा, नैतिकता, विनम्रता, करूणा, क्षमा, धैर्य, त्याग तथा पराक्रम का सर्वोत्तम उदाहरण माना जाता हैं। दिव्य प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा भगवान श्रीराम ने अपने जीवन काल में स्वयं को इतना संतुलित, शांतचित्त, प्रसन्न मुद्रा में मानव के सभी संबधों तथा प्रकृति के सभी जीवों से लेकर के प्रकृति को यथाशक्ति सम्मान एवं संरक्षित करने के कारण उनको संतुलन के मयार्दा, जो सभी मानव में उतम है, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा गया। शुद्ध शाश्वत, संस्कारित, धर्मावलंबी स्वरूप ही श्री राम है, हम सभी को अपने जीवन में मर्यादा को धारण करने का सदैव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रकृति के संतुलन को बनाने की आवश्यकता है। हम विलासिता के चलते प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जल को प्रदूषित कर रहे हैं, वर्तमान समय में भारत की किसी भी नदी का जल स्वच्छ नहीं है, वह लगभग सभी नदियों का आचमन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यही हालात रहे तो पृथ्वी आग का गोला बन जाएगी। उन्होंने कहा की पौधे पृथ्वी का श्रृंगार है हमें पौधे लगाने चाहिए। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से हर समय सीखा जा सकता है, हर पहलू से सीखा जा सकता है, लेकिन हमें यह संस्कार अपने बच्चों को बचपन से ही देने होंगे। दुनिया में राम जीवन और चरित्र सर्वश्रेष्ठ अनुकरणीय हैं हम अंत समय में आकर सोचते हैं कि यह जीवन बेकार हो गया, ऐसे में हमें युवावस्था से ही धर्म के प्रति समर्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म केवल पूजा पद्धति नहीं है अनेक संस्कार, व्यक्ति में होने चाहिए पूर्ण संस्कार होंगे वही धर्म पद्धति है। भगवान श्री राम के दर्शन की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम मानवता के शिरोमणि है। राम नाम ही अपने आप में पूर्ण हो जो सभी दुखों को दूर करता है।

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व्याख्यान माला में मौजूद श्रोता.

इस दौरान महाराज श्री का संस्था के डॉ सी बी दास गुप्ता, गोरधन खूवाल , भगवान दास, गोविंद दास की और से स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर राधारमण, सूरज राठी, कमलेश, महक सोमानी, मंयक शिखा सोढानी,विराट नेहल पाल, डॉ. सी बी दास गुप्ता, कोमल, गोरधन, शारदा खुवाल, भगवान, शशि खुवाल, गोविन्द, इन्दु खुवाल, डॉ. एकात्म गुप्ता, डॉ. स्वाति, क्षितिज प्राची, मनन, अभिमन्यु, अनिका, वेदार्थ, गोपाल जैन, सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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