
-राजेन्द्र गुप्ता-

मां दुर्गा को समर्पित दुर्गा अष्टमी का यह व्रत, हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त, विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन कर, उनसे प्रार्थना करते है और दिनभर उपवास रखते है। कहा जाता है, देवी यदि प्रसन्न हो जाए तो वे अपने भक्तों को सफलता, सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्रदान करती है।
देवी आदिशक्ति का स्वरुप कहलाए जाने वाली माता दुर्गा, शक्ति, साहस और दृढ विश्वास का प्रतिनिधित्व करती है। देवी की उत्पत्ति का श्रेय त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु, महेश को दिया जाता है। धार्मिक मान्यता अनुसार देवी दुर्गा का जन्म इस संसार से बुराई पर अच्छाई को विजय प्राप्त करने के लिए ही हुआ था। यही कारण है की देवी की भक्तों के द्वारा अष्ठमी का यह व्रत इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या है मासिक दुर्गाष्टमी?
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हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को सर्वशक्तिशाली देवी के रूप में पूजा जाता है। प्रत्येक माह की शुक्ल अष्टमी के दिन, मासिक दुर्गा अष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। मां दुर्गा की कृपा पाने हेतु, भक्त सच्चे मन से इस दिन व्रत रखते है और देवी को समर्पित दुर्गा स्तोत्र का पाठ करते है। मासिक दुर्गाष्टमी के इस पर्व को मास दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से इस व्रत का पालन करते है, उन्हें देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
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• देवी दुर्गा को समर्पित यह व्रत सौभाग्य को आकर्षित करता है।
• अष्ठमी के इस व्रत को रखने से व्यक्ति भय और रोग मुक्त बनता है।
• मासिक दुर्गाष्टमी का यह चमत्कारी व्रत रखने से व्यापार में उन्नति होती है।
• इस व्रत को रखने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
• प्रत्येक माह अष्टमी का यह व्रत रखने से घर में खुशहाली आती है और गृह क्लेश जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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