
कोटा. केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान कोटा यात्रा के दौरान एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट भी पहुंचे और यहां विद्यार्थियों से संवाद किया। कार्यक्रम जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैम्पस में हुआ, जहां बड़ी संख्या में ओडिशा के साथ-साथ देश के अन्य प्रांतों के विद्यार्थी भी शामिल हुए। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री प्रधान के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके बाद नवीन माहेश्वरी ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों व एलन के निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व बृजेश माहेश्वरी ने धर्मेन्द्र प्रधान और लोकसभा अध्यक्ष का 51 किलो की माला पहनाकर स्वागत किया। छात्रा स्मृति ने ओडिशा के राज्यगान ‘वंदे उत्कल जननी’ की प्रस्तुति दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा जो कि शिक्षा की काशी है, लघु भारत है, जिसमें देशभर से विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करने आते हैं। इस संवाद से विद्यार्थियों को नया विश्वास मिलेगा नई प्रेरणा जागेगी। कोटा में आप नए कॅरियर की शुरुआत कर उस लक्ष्स तक पहुंचेंगे, जो आपने जीवन में तय किया हैं।
स्टूडेंट्स से खुलकर बोलने को कहा
धर्मेन्द्र प्रधान को जब आमंत्रित किया गया तो उन्होंने माइक संभालते ही एलन विद्यार्थियों से सीधे संवाद करने की बात कही। उन्होंने स्टूडेंट्स से खुलकर बोलने को कहा। इस पर एक दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स ने प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में अपनी बात रखी। एलन विद्यार्थियों ने कहा जेईई-मेन की तरह नीट में भी एक साल में दो बार मौके देने, सीयूईटी, जेईई और नीट मर्ज किए जाने, प्रवेश परीक्षाओं में आरक्षण, प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष पाठ्यक्रम की पुस्तकों के संबंध में सवाल किए।
कोटा आधुनिक भारत की काशी और लघु भारत
इसके बाद प्रधान ने विद्यार्थियों को 21वीं सदी के जिम्मेदार साथियों की संज्ञा देकर संबोधन शुरू किया और कहाकि कोटा आधुनिक भारत की काशी और लघु भारत है। यहां हर जिले से विद्यार्थी हैं। आप सभी देश के भावी कर्णधार हैं। आज के युवाओं को भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सोच विकसित करनी चाहिए। दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। नई पीढ़ी चुनौतियों और दायित्वों को समझें, जो पिछड़े हैं जो बोल नहीं पाए तो उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं देना चाहिए, उन्हें हाथ पकड़कर आगे लाना चाहिए। विद्यार्थी सकारात्मक विकल्पों को बोझ नहीं समझें, इसे दायित्व मानें। अपनी सोच बड़ी रखें, नौकर नहीं मालिक बनने की सोचें। परिवार, समाज, देश के लिए काम करने की सोचें। मैं नहीं हम में विश्वास रखें।
सीयूईटी, नीट, जेईई की मर्जिंग का सैद्धांतिक निर्णय अभी नहीं
उन्होंने विद्यार्थियों के असमंजस को दूर करते हुए कहा कि सीयूईटी, नीट, जेईई की मर्जिंग का सैद्धांतिक निर्णय अभी नहीं हुआ है। ऐसा कोई प्रस्ताव भी अभी नहीं है, अगले साल भी नहीं होगा। जब करेंगे तो बहुत पहले नोटिस देकर करेंगे। कम से कम दो साल में कम्बाइंट टेस्ट नहीं देंगे। निश्चित होकर पढ़ाई करो।प्रति योगी परीक्षा की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्कूल एजुकेशन को नए ढांचे में ढालने की कल्पना धरातल पर लाई जा रही है। फरवरी 2023 तक केजी स्कूल बाल वाटिका 1, 2, 3 इसके बाद क्लास-1 व 2 ये फाउण्डेशन फिर आगे 5$3, फिर 6 से 8, फिर 4 साल 9 से 12 तक की पुस्तकें तैयार की जाएंगी। उन्होंने एलन विद्यार्थियों से कहाकि नेशनल कैरिकूलम फ्रेमवर्क सिटीजन सर्वे में अपने सुझाव दीजिए, कैसी किताब हो इस बारे में बताएं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के पुर्नर्निमाण में मील का पत्थर साबित होगी
प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के पुर्नर्निमाण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होने कहा कि स्कूल एजुकेशन को नए ढांचे में लाया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोटा में अध्ययनरत विद्यार्थी नेशनल सिटीजन फ्रेमवर्क सर्वे पर जाकर अपना सुझाव दें कि पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए। आपके सुझावों पर सरकार विचार करेगी और शिक्षा नीति काफी मजबूत बन सकेगी। सरकार डिजीटल यूनिवर्सिटी पर काम कर रही है। परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि परीक्षा का डर रहता है। तकनीक जैसे-जैसे प्रभावी होती जा रही है, हम गड़बड़ियां कम करेंगे। अच्छी तरह से एग्जाम करवाने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में डिजिटल यूनिवर्सिटी ला रहे हैं, जिसमें एक समय में कई तरह के कोर्सेज विद्यार्थी कर सकेंगे।