कोटा में राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन

राजकीय कला महाविद्यालय

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कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की गई।

-डॉ विवेक कुमार मिश्र-

कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों के प्रथम एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के दौरान इकाई वार स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर में क्लीन इंडिया अभियान के तहत श्रमदान कर साफ-सफाई की। प्रशासनिक भवन परिसर के सामने स्थित वाटिका की क्यारियों को साफ किया। आवागमन मार्ग के दोनों तरफ उगी हुई खरपतवार व झाड़ियों को हटाया।

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झाडियां साफ करते विद्यार्थी।

इसके पश्चात् विद्यार्थियों के उन्मुखीकरण हेतु तथा स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य ध्येय एवं कार्यप्रणाली से अवगत करवाने हेतु एक व्याख्यान सत्र का आयोजन महाविद्यालय के शताब्दी भवन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सीमा सोरल ने की। मुख्य अतिथि डॉ रघुराज सिंह परिहार, सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा, परिक्षेत्र कोटा ने स्वयंसवेकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय मे अपनी रुचि के अनुसार प्रवीणता प्राप्त करनी चाहिए। अपने गुरुओं की कुशलता से आपको लाभ प्राप्त करना चाहिए।

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झाडियां साफ करने के बाद एक स्थान पर एकत्र करती छात्राएं।

विशिष्ट अतिथि डॉ विवेक कुमार मिश्र, जिला समन्वयक, रासेयो, कोटा ने स्वयंसेवकों को रासेयो के मुख्य उद्देश्य, कार्यप्रणाली तथा सत्र पर्यन्त आयोजित की जाने वाली गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्र निर्माण में युवा पीढ़ी को जोड़ने और उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास करने हेतु रासेयो को प्रारम्भ किया गया। रासेयो एक ऐसा मंच है जो आपको सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी बनने और रचनात्मक गतिविधियों से जुडन का अवसर प्रदान करता है।

मुख्य वक्ता डॉ. निधि शर्मा, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग ने स्वयंसेवकों के साथ वार्तालाप के माध्यम से अन्तरू सम्बन्ध स्थापित करते हुए उन्हें व्यक्तित्व विकास के विविध पहलुओं से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व का विकास शारीरिक, मानसिक, सामाजिक आदि विविध स्तरों पर देखने को मिलता है। अतः हमें अपनी वेशभूषा, बातचीत, व्यवहार, आचरण आदि सभी पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि ये सभी एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के आईने होते हैं। विभिन्न पदों हेतु आयोजित साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी का व्यक्तित्व चयन का मुख्य आधार बनता है। किसी व्यक्ति के प्रथम दर्शन पर द्रष्टा के मन में उसकी जो छवि बनती है, वह होता है व्यक्ति का व्यक्तित्व। एक अच्छा व्यक्तित्व ही अच्छे इंसान की पहली पहचान होती है। साथ ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता का मूल कारण बनता है। कार्यक्रम के दौरान समस्त अनुशासन व्यवस्था डॉ सीमा चौहान, संयोजक अनुशासन समिति द्वारा संभाली। कार्यक्रम का संचालन डॉ रामावतार मेघवाल द्वारा किया गया। डॉ रसीला द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। डॉ समय सिंह मीना व डॉ चंचल गर्ग ने कार्यक्रम अधिकारी के रूप में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।

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