जेईई-एडवांस्ड के इतिहास में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन

-1.91 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने करवाया रजिस्ट्रेशन

कोटा. देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा जेईई-एडवांस्ड की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मंगलवार को संपन्न हो गई। देर शाम तक इस परीक्षा के लिए 1.91 लाख से अधिक स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करवा चुके थे। एडमिट कार्ड 17 मई को जारी किए जाएंगे। इसके बाद 26 मई को दो पारियों में सुबह 9 से 12 तथा दोपहर 2.30 से 5.30 बजे तक यह परीक्षा होगी।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड के लिए इतिहास में अब तक सबसे अधिक स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। गत वर्ष यह संख्या 1.89 लाख थी जो कि अब 1.91 लाख इस वर्ष हो चुकी है और इसके बढ़ने के भी अनुमान हैं। जेईई-एडवांस्ड के पिछले 11 वर्षों के रिकॉर्ड देखें तो यह संख्या सर्वाधिक है। गत वर्षों में 2013 में 126749, 2014 में 126995, 2015 में 1.24 लाख, 2016 में 155948, 2017 में 171814, 2018 में 165656, 2019 में 174432, 2020 में 160838, 2021 में 151193, 2022 में 160038, 2023 में 189744 और 2024 में 1.91 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने आवेदन किया।
देश की 23 आईआईटी की 17 हजार 385 सीटों के लिए होने वाली इस परीक्षा का आयोजन इस वर्ष आईआईटी मद्रास कर रही है। इस परीक्षा के माध्यम से देश की 23 आईआईटी के साथ आईआईएसई, आईईएसटी, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईपीई विशाखापट्टनम, आईआईएसईआर के 6 कैम्पस में एडमिशन दिया जाता है।
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जेईई-मेन में पीछे की रैंक वाले विद्यार्थियों के लिए भी हैं विकल्प
आहूजा ने बताया कि जेईई-मेन के परिणाम जारी होने के बाद हजारों स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनके परिणाम अपेक्षानुरूप नहीं रहे। ऐसे स्टूडेंट्स जेईई-मेन के आधार पर मिलने वाले एनआईटी-ट्रिपलआईटी के अतिरिक्त कई इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इनमें कलिंगा, एसआरएम, यूपीएस, एमआईटी पुणे, बैनेट व शिवनादर नोएडा, नरसिमोंजी, यूपीईएस, अमृता, बिट्स, मणिपाल जैसे प्रमुख संस्थानों के लिए आवेदन कर सकते हैं, इसके अतिरिक्त जेईई-मेन की पीछे की एआईआर पर भी थापर, जेपी, एलएनएमआईआईटी, धीरूभाई अंबानी, आईपीयू, निरमा, पीडीपीयू, एलपीयू, चितकारा, चंडीगढ़ जैसी प्रमुख यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन कर सकते हैं। कई स्टेट के इंजीनियरिंग संस्थानों में जेईई-मेन की लाखों की रैंक वाले स्टूडेंट्स को भी प्रवेश मिलने की संभावना रहती है, जिनमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, एमपी, यूपी, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र स्टेट में 15 प्रतिशत सीटों पर जेईई-मेन के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

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