कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय, कोटा में मानवाधिकार क्लब की ओर से मानवाधिकार दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डाँ गुजिंका दुबे ने कहा कि शिक्षा, संपत्ति आदि अधिकारों के साथ कर्तव्य के निर्वाह के प्रति हमारा ध्यान होना चाहिए । कार्यक्रम के संयोजक डाँ लड्डूलाल मीना ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज का दिन मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए तैयार करता है। डाँ विवेक शंकर ने कहा कि हिंदी साहित्य मे मानवाधिकारों के संरक्षण का आह्वान मिलता है हमें हर परिस्थिति में अपने अधिकारों को प्राप्त करना चाहिए।
डाँ रविदत्त शर्मा ने विधि के संदर्भ में मानवाधिकारों की चर्चा करते हुए बताया कि मनुष्य के अधिकारों की रक्षा लिए मानवाधिकार आयोग है। किसी मनुष्य का शोषण या उस पर अत्याचार होते हैं, तो उसे आयोग में अपना पक्ष रखना चाहिए। डाँ विवेक कुमार मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा हमें स्वतंत्रता, समानता के साथ हर मनुष्य के साथ मानवोचित व्यवहार करना चाहिए। दूसरों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के लिए े हमें सदैव सावचेत रहने की जरुरत है। संगोष्ठी का संचालन डाँ आदित्य कुमार गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाँ जय श्री राठौड़ ने किया। संगोष्ठी में डा रामावतार मेघवाल, डाँ तलविंदर कौर, डाँ विनीता राय. डाँ मंजू जैन, डाँ सुमन गुप्ता, डा आर के मीना आदि सह आचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर छात्र -छात्राओं ने भी अपने विचार अभिव्यक्त किये। एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन इस अवसर किया , जिसमें अनेक छात्र- छात्राओं ने भाग लिया ।
शिक्षा, संपत्ति आदि अधिकारों के साथ कर्तव्य के निर्वाह के प्रति रखें ध्यान
स्वतंत्रता, समानता के साथ हर मनुष्य के साथ मानवोचित व्यवहार करना चाहिए। दूसरों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है
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राजकीय कला महाविद्यालय में मानवाधिकार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आव्हान किया, इसी संगोष्ठी में डाक्टर विवेक कुमार मिश्रा ने सम्बोधन में कहा कि अपने अधिकारों की रक्षा के साथ दूसरे के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डाक्टर गुंजिका दुबे ने भी अधिकारों के साथ अपने कर्तव्य के प्रति सावचेत किया .अधिकार और कर्तव्य सिक्के के दो पहलू हैं आम लोगो को इस अवधारणा पर चलना चाहिए