
-दुष्यन्त सिंह गहलोत-
कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में 26 नवम्बर शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में विभिन्न आयोजन किए गए। कुलपति प्रो. एस.के. सिंह द्वारा भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करने हेतु शिक्षकों , कर्मचारियों एवं छात्रो को संविधान की प्रस्तावना का पठन कराया गया। विश्वविद्यालय परिसर में छात्रो द्वारा रैली निकालकर संविधान के प्रति जागरूकता का सन्देश दिया गया।
कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी समस्त शक्तियों का स्रोत भी है। संविधान के रचनाकारों द्वारा कठोर परिश्रम और महान विचारों की व्यापकता से एक लोक कल्याणकारी संविधान की मजबूत संरचना संभव हुई हैं। यह संविधान दिवस हम सब के लिए भारत के संविधान में निहित सच्चे आदर्शों, सुदृढ़ सिद्धान्तों और पवित्र कर्तव्यों के बोध को स्मरण करने का दिन है। स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के ऐतिहासिक कार्य में अनेक महान मनीषियों नें एक ऐसा ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार किया जो एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए एक प्रकाश स्तंभ है। इसकी रौशनी में हमारा राष्ट्र और नागरिक भारत के स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।
संविधान दिवस के इस अवसर पर हमें हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा जताए गये विश्वास को बनाये रखने के लिए संविधान में दिये गये कर्तव्यों के प्रति पूर्ण सचेत होना होगा। प्रत्येक नागरिक को संविधान में निहित कर्तव्यों का बोध और आचरण करना होगा। संविधान निर्माताओं की इस भावना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संविधान के मूल्यों और इसमें निहित मूल कर्तव्यों को पूर्णतः जीवन में उतारना होगा। आज संविधान दिवस पर हम उन महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने हमें हमारा संविधान दिया और हम हमारे राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। संविधान भारतीय लोकतंत्र की प्राणशक्ति है, जो न सिर्फ हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करती हैं। भारतीय संविधान ने देश की उन्नति और समृद्धि का जो मार्ग प्रशस्त किया है, उसका अनुसरण करते हुए भारत को समर्थ, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर भारतवासी को प्रयास करने की जरूरत है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन, सभी संकाय सदस्य, अशैक्षणिक कर्मचारी गण एवं विश्वविद्यालय के छात्र व छात्राएं मौजूद रहे । कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों की भूमिका सराहनीय रही।