
-एकता मिश्रा-
सूरत। चुनाव आयोग दवारा गुरुवार को गुजरात विधानसभा के चुनाव दो चरण में कराने की घोषणा कर दी। गुजरात चुनाव का मतदान 1 और 5 दिसंबर को होगा जबकि परिणाम आठ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। गुजरात में वर्ष 2017 तथा 2012 में भी दो चरण में मतदान हुआ था। दोनों बार भाजपा की सरकार बनी थी। यह अलग बात है कि पिछले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या 100 से नीचे पहुंच गई थी। गुजरात में 182 विधानसभा सीटों पर 4.9 करोड़ मतदाता योग्य हैं। यहां उल्लेखनीय है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम एक ही दिन आठ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे जबकि हिमाचल प्रदेश में मतदान 12 नवंबर को सम्पन्न हो जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99 तथा कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं।
गुजरात में पहले चरण में 89 सीटों पर एक दिसंबर को तथा दूसरे चरण में 93 सीटों पर पांच दिसंबर को मतदान होगा । पहले चरण की 89 सीटों के लिए नोटिफिकेशन 5 नवंबर को जारी होगा जबकि उम्मीदवारों के पर्चा दाखिल करने की अंतिम तारीख 14 नवंबर होगी। नामांकन पत्रों की जांच 15 नवंबर तक होगी। नाम वापसी की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी।
भाजपा गुजरात में 27 वर्षों से सत्ता में है। उसने पिछले विधानसभा चुनाव में 49.05 प्रतिशत मत मिले थे जबकि कांग्रेस को 41.44 प्रतिशत वोट पर संतोष करना पडा था। नरेन्द्र मोदी अक्टूबर 2001 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे उसके बाद 2017 का चुनाव पहला था जिसमें मुख्यमंत्री का चेहरा मोदी नहीं थे। इसके बावजूद भाजपा ने मोदी के नाम पर ही वोट मांगे थे। लेकिन इस बार स्थिति बदली हुई है। आम आदमी पार्टी राज्य में नई ताकत बनकर उभरी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगातार गुजरात दौरे आम आदमी पार्टी की राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीरता को प्रदर्शित कर रहे हैं। केजरीवाल भाजपा और कांग्रेस दोनों को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रहे हैं। पर्यवक्षेक आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से कांग्रेस के वोटों में कटौती की आशंका जता रहे है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा तथा कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला था क्योंकि होड में कोई अन्य पार्टी नहीं थी। जिसमें तीन निर्दलीय जीते थे। एनसीपी और बीटीपी को क्रमशः 1 और 2 सीटें मिली थीं।
भाजपा ने 2012 की तुलना में 2017 में ज्यादा वोट हासिल किए लेकिन सीटें घट गई थीं। मोदी के मुख्यमंत्री रहते भाजपा ने 2012 का चुनाव लडा था तब उसने 47.85 प्रतिशत वोट हासिल कर 115 सीटें जीती थी। कांग्रेस को 38.93 प्रतिशत वोट से 61 सीटें मिली थीं। 2012 में भी भाजपा और कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला था। केशुभाई की पार्टी थी लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पडा।
2012 के बाद से हुए दो लोकसभा चुनाव में भी गुजरात में भाजपा का वर्चस्व रहा। उसने 2014 और 2019 में सभी 26 सीटें जीतीं। दोनों बार मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। भाजपा को 2014 में 60.1 प्रतिशत और 2019 में 63.1 प्रतिशत वोट मिले।