मेहनत रंग लाई…

-अखिलेश कुमार-

akhilesh kumar
अखिलेश कुमार

(फोटो जर्नलिस्ट)
भारतीय किसान सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं इसके बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति आज भी उतनी अच्छी नही हैं जितनी होनी चाहिए। इसीलिए किसी कवि ने यह पक्तिंयां किसान के लिए ही लिखी हैं…
चीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ।
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।।

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खेत के किनारे मूली के गट्ठर को जमाया। फोटो अखिलेश कुमार

देश की आबादी का बड़ा हिस्सा गावों में रहता है और खेती ही उसकी आजीविका का साधन है। लेकिन अब वह कभी सूखे की मार बेहाल होता है तो कभी बेमौसम की बरसात और अतिवृष्टि उसकी मेहनत पर पानी फेर देती है। इसके बावजूद किसान हिम्मत नहीं हारता। जब सर्दी के दिनों में हम रजाई में दुबके होते हैं तब किसान खेत में हमारे लिए शाक सब्जी तोड रहा होता है। क्योंकि यदि वह देर से मंडी पहंुचा तो उसको मेहनत के जो औने पौने दाम मिलते हैं वह भी नहीं मिलेंगे।

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मूली को मोटर साइकिल पर मंडी में ले जाने की तैयारी। फोटो अखिलेश कुमार

वाकई जिस अन्न या शाक सब्जी का हम जिस सहजता से उपयोग करते हैं उसको उगाने में किसान को कितनी मेहनत करनी पडती है उसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। लेकिन जब फसल तैयार हो जाती है तो किसान को ही सर्वाधिक खुशी भी होती है।फोटो जर्नलिस्ट अखिलेश कुमार ने मूली की फसल का प्रबंधन करते किसान को अपने कैमरे में कैद किया है।

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