
-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा में बन रहे महत्वाकांक्षी पर्यटन स्थल में छोटी बड़ी समाध जैसे आध्यात्मिक स्थल और रियासतकालीन बुर्ज़ जैसी ऐतिहासिक धरोहरों को भी संरक्षित कर रीवर फ्रंट में जोड़ने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि चंबल रिवर फ्रंट पहले चरण में चंबल की डाउन स्टीम में कोटा बैराज के पास से चंबल की रियासतकालीन पुलिया नयापुरा तक बनाया जा रहा है। अरबों रुपए के प्रोजेक्ट का कार्य अब अंतिम चरण में है।

चंबल नदी के दोनों किनारों पर तीन-तीन किलोमीटर एरिया में विकसित किए जा रहा है हेरिटेज रिवर फ्रंट पर बनाये जा रहे मॉन्यूमेंट्स, विभिन्न घाट सहित हेरिटेज इमारतों का कार्य अब अंतिम चरण में आ गया है।

महज दो साल की अवधि बनकर तैयार हो रहा यह चंबल रिवर फ्रंट नयी इतिहास रचने जा रहा है। यहां स्थापित मॉन्यूमेंट्स एवं विभिन्न घाटों की अनुपम विशेषता है जिसे देखने को लोग आतुर रहेंगे।आने वाले समय में कोटा के सेवन वंड़र्स की तरह फिल्म इंडस्ट्री के लिए चंबल रिवर फ्रंट भी बड़ा म़काम बनेगा,ऎसी उम्मीद की जा रही है।

इस रिवर फ्रंट के बनने के बाद कोचिंग सिटी की पहचान पर्यटन नगरी के तौर पर भी होने की उम्मीद है। इसका कारण कोटा संभाग में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के अलावा अकूत पुरा संपदा का होना है।
रिवर फ्रंट पर चंबल नदी के दोनों किनारों पर 6 किलोमीटर के क्षेत्र में कई ऐसे निर्माण किए जा रहे है जिन्हें देखकर पर्यटक अचंभित हो जाएंगे। इसमें हेरिटेज का विशेष ध्यान रखा है। हेरिटेज लुक देने के लिए इसमें कई प्रकार के स्ट्रक्चर खड़े किए गए हैं। इसमें कई तरीके की इमारत भी बनाई गई है जिसमें अधिकांश एरिया हरियाली बाग, ग्रीन थीम पर बनाया गया है।
कोटा को पर्यटन स्थल बनाने के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं,निश्चय ही नगर का सौन्दर्यीकरग होगा, पर्यटक आयेंगे,स्थानीय निवासियों को भी अपने नगर के नए स्वरूप को देखकर सुखानुभूति होगी. लेकिन सेन्ट्रल विष्ठा के निर्माण को लेकर आलोचना करने वालों को कोटा शहर में हो रहे करोड़ों के खर्च पर कोई आपत्ति नहीं है