
-दुष्यंत सिंह गहलोत-
कोटा। शहर के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में एक कोचिंग छात्र ने सुसाइड कर लिया। उसने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगा लिया। अभिषेक (17) यूपी के बदायूं का रहने वाला था। करीब 2 साल से कोटा में रहकर एक कोचिंग से नीट की तैयारी कर रहा था। उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें लिखा है मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मेरे पर किसी का कोई दबाव भी नहीं है। मैं आपसे माफी मांग रहा हूं। मैं अपनी मर्जी से कोटा में आया। मेरे घर का कोई भी दबाव नहीं था मुझ पर। सॉरी दीदी, मम्मी सॉरी भाई, सॉरी दोस्तों। मेरी आपसे विनती है मैं हार गया हूं इसलिए प्राण देना चाहता हूं।
अभिषेक कमला उद्यान नगर क्षेत्र में एक हॉस्टल में रहता था। जानकारी के अनुसार वो कुछ समय से कोचिंग नहीं जा रहा था। बताया जा रहा है कि बुधवार रात वो कमरे से बाहर नहीं निकला। उसने एंटी सुसाइड फेन से लटककर फांसी लगाने की कोशिश की। लेकिन फेन नीचे आ गया। फिर उसने कमरे में लगे कड़े से फांसी लगा ली। अभिषेक दो साल से कोटा में रह रहा था। 8 महीने पहले की कुन्हाड़ी इलाके के हॉस्टल में शिफ्ट हुआ था। वो कई दिनों से कोचिंग क्लास में नहीं जा रहा था। कमरे पर ऑन लाइन पढ़ाई कर रहा था। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से अभिषेक के बर्ताव में बदलाव था।
हॉस्टल में खाने की सप्लाई देने वाले राजेंद्र ने बताया कि मंगलवार को उसने खाना खाया था। बुधवार को 4 बजे उसने बताया था, मैं खाना खाने नहीं आऊंगा। उसके पास दो दो नंबर थे। उसने मुझे जो नबंर दे रखे थे वो नंबर बंद रहता था। और दूसरे नंबर से कॉल करता था। उसने कहा था कि मैं पढ़ाई करूंगा इसलिए खाना नहीं खाऊंगा। 8 दिन पहले वो लेट खाना खाने आया था। तब उससे देरी से आने का कारण पूछा था। उसने बताया था कि वो दोस्त को दिखाने गया था।
अभिषेक के पिता आराम सिंह ने कहा कि मुझे बड़ा दुख है। मेरे बच्चे ने सुसाइड किया है दूसरे बच्चे की सुसाइड कर रहे हैं। मां बाप बच्चों को कैसे पालते हैं कैसे पढ़ाते हैं लेकिन सरकार,कोचिंग संस्थान या हमारा भेदभाव इस तरीके का है इसलिए बच्चे सुसाइड कर रहे हैं। क्यों ऐसी स्थिति पैदा हो रही है? ऐसा क्यों बना रखा है कि बच्चे सुसाइड कर रहे हैं। मैं मानता हूं कि डॉक्टर की पढ़ाई के लिए अच्छी शिक्षा होना चाहिए। लेकिन इतना तो ना हो कि स्टूडेंट सुसाइड कर ले। इस बारे में सरकारों को सोचना चाहिए। बच्चों के जीवन के बारे में सोचना चाहिए।
मां-बाप का प्रेशर नहीं, कोचिंग संस्थानों का प्रेशर है। मेरे बेटे ने कभी नहीं बताया कि वह परेशान है या तनाव में है। वह तनाव को अपने तक रखता था। मैंने पूछा भी सही लेकिन उसने नहीं बताया। अगर मुझे पता होता कि वह सुसाइड कर लेगा, तो उससे पहले ही में उसे यहां से ले जाता। मेरा कहना है कि सरकार ध्यान दें सरकार कोई नीति बनाएं जिससे हमारे समाज में जो सुसाइड की घटना बन रही है इसको कैसे रोका जाए।
दूसरे दिन पता लगा
हॉस्टल में 25 कमरे है। अभिषेक दूसरे फ्लोर पर रहता था। अभिषेक बुघवार से कमरे से बाहर नहीं निकला। गुरुवार रात को सुसाइड का पता लगा। करीब 24 घंटे तक उसके सुसाइड का पता किसी को नही लगा। बताया जा रहा है अभिषेक की मां कुछ दिन पहले उसके पास रही थी। 15 दिन पहले ही कोटा से गई थी। अभिषेक एक बहिन व तीन भाइयों में सबसे छोटा था। पिता सरकारी नौकरी में है।
कुन्हाड़ी थाना SI लक्ष्मण लाल ने बताया गुरुवार रात 9 बजे सूचना मिली थी कि दातार रेजीडेंसी में एक युवक कमरा नहीं खुल रहा है। 24 घंटे हो गए। जिस पर मौके पर जाकर कमरे का गेट तुड़वाया। स्टूडेंट फांसी पर लटका हुआ था। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
कोचिंग की आत्मघाती व्यवस्था बदलने की जरूरत है. देश के होनहारों को बचाना है तो कोचिंग पर रोक लगानी ही पड़ेगी