
-दुष्यंत सिंह गहलोत-

कोटा के दशहरा मैदान में रावण दहन कल बुधवार को शाम के समय होगा। इसके लिए दशहरा मैदान में रावण के वंश के पुतले लगाने का काम मंगलवार को जारी था। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले को खडा करने की तैयारियां चल रही अंतिम चरणों में थीं।
रावण का पुतला बनकर तैयार है। इन पुतलों को खड़ा करने की प्रक्रिया के लिए तीन क्रेन लगाई गई है। जिसमें एक हाइड्रा क्रेन है। यह कार्य सुबह 8 बजे शुरू हुआ। जिसमें करीब 12-13 घंटे लगें। पेड़े पर खड़ा करने के लिए 150 मजदूरों की जरूरत पड़ी। दूसरी ओर रावण दहन से पूर्व पुतले में मनोरंजक आतिशबाजी लगाने का काम भी सोमवार रात से प्रारंभ हो गया है।

नगर निगम उत्तर की महापौर और मेला समिति की अध्यक्ष मंजू मेहरा ने बताया कि इस बार पुतले में अतिरिक्त आतिशबाजी आकर्षण का केन्द्र होगी। दशहरे मेला स्थल पर पहुंचने वाले लोगों को भरपूर और अधिक समय तक मनोरंजन हो सके इसका ध्यान रखा गया है। रावण का पुतला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर कार्य करेगा। जिससे रिमोट से पुतले की आतिशबाजी को नियंत्रित किया जाएगा। रिमोट सिस्टम से एक-एक करके स्टेप बाय स्टेप मनोरंजक आतिशबाजी के साथ पुतला दहन होगा। इसमें रावण के पुतले के मुँह से निकलने वाली चिंगारी भी आकर्षण का केन्द्र होगी।

इसके बाद रावण नाक और कान से धुँआ उगलेगा। सिर पर स्काई शॉट के द्वारा आसमान में रोशनी होगी। सिर पर स्थित ताज में चकरी घूमेगी। एक हाथ में तलवार चमकेगी तो दूसरे हाथ में ढाल फूटेगी। कान की बालियों, कमर पेटी और पेट में भी बारूद भरा जा रहा है। गले की माला भी आतिशी नजारे के जलती हुई नजर आएगी। पुतले में चक्कर, फायर, स्मोक समेत 600 से अधिक बम व रंगीन पटााखे लगाए गए हैं। इस बार दशहरा मेला में रावण का रूप आकर्षक होगा। वहीं मेले में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की अलग अलग टीमें तैनात रहेगी। जो टॉवर पर से निगरानी भी करेंगी।