ठेका श्रमिकों को मिले संविदाकर्मी का दर्ज़ा

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– हिन्द मजदूर सभा ने मुख्यमन्त्री को भेजा मांगपत्र

-दुष्यंत सिंह गहलोत-

कोटा। हिन्द मजदूर सभा से संबंद्ध थर्मल ठेकेदार वर्कर्स यूनियन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को माँग पत्र भेजकर आगामी 2023 के बजट में ठेका श्रमिकों को संविदाकर्मी का दर्ज़ा देने की माँग की है।
हिन्द मजदूर सभा के प्रदेश सचिव एवं यूनियन अध्यक्ष आज़ाद शेरवानी ने बताया कि ये कैसी विडंबना है कि वर्षों से संचालन एवं संधारण जैसे नियमित प्रकृति के कार्यों पर कोटा थर्मल में कार्यरत ठेका श्रमिकों को लाभ से वंचित करने के लियॆ संविदाकर्मी नहीं माना जा रहा है जबकि ठेका और संविदा दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हैं।
राजस्थान सरकार ने जब 2011 में घोषणा की थी कि दस वर्ष तक कार्य कर चुके सभी संविदाकर्मी नियमित किये जायेंगे तब कोटा थर्मल में दस पन्द्रह वर्ष बीता चुके ठेका श्रमिकों की आँखों में सुनहरी सपने जाग उठे थे लेकिन कुछ ही क्षणों में सरकार ने शब्दों का खेल खेलकर इनके सपनों को रेत के ढ़ेर की भाँति तोड़ दिया। क्या ये श्रमिक संविदा के तहत कार्य नहीं कर रहे हैं चाहे थर्मल प्रशासन हर साल निविदा का नवीनीकरण कर दे मगर श्रमिक तो लगातार वही कार्य कर रहे हैं। 2011 से पूर्व जिन श्रमिकों ने 10 से 15 साल तक लगातार कार्य कर लिया था उनको भी सरकार ने नियमित नहीं किया जबकि ये मुख्य नियोक्ता थर्मल प्रशासन के लिये कार्य कर रहे हैं। वे श्रमिक आज भी लगातार कार्यरत हैं और थर्मल में 30 से 35 साल लगातार कार्य कर चुके हैं।
संगठन ने माँग पत्र में सरकार से इस बजट में ठेका श्रमिकों को संविदाकर्मी का दर्ज़ा देने के साथ साथ न्यूनतम मजदूरी 22000 प्रतिमाह करने, सामाजिक सुरक्षा दिलवाने, सवेतन अवकाश दिलवाने और दस वर्ष सेवा दे चुके सभी ठेका श्रमिकों को नियमित करवाने की माँग की है।

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