
— एजेंसी के माध्यम बस संचालन का किया विरोध, ज्ञापन सौंपा
-सावन कुमार टांक-

कोटा. राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन एवं सेवानिवृत्त संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने आज कोटा डिपो में प्रदर्शन कर बजट की प्रतियां जलाई तथा *धरना प्रदर्शन कर कोटा डिपो मुख्य प्रबंधक अजय कुमार मीणा को कोटा शाखा सचिव मनीष तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुरारी लाल वर्मा, कोटा संभाग अध्यक्ष अशरफ अली बबलू, सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश मंत्री घनश्याम ओझा ,चंद्रशेखर शर्मा ,बृजेश कांत शर्मा ,राधेश्याम वशिष्ठ और अन्य कर्मचारियों द्वारा ज्ञापन दिया गया तथा राज्य सरकार और निगम प्रशासन के खिलाफ खुलकर नारेबाजी करके कर्मचारी नेताओं ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा सत्ता में आने से पूर्व बजट घोषणा पत्र में रोडवेज को सुदृढ़ करने एवं रोडवेज के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का लिखित वादा किया था तथा पूर्व परिवहन मंत्री द्वारा रोडवेज को राज्य सरकार के परिवहन विभाग में सम्मिलित कर संचालित किए जाने का पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया था परंतु सरकार के कार्यकाल के अंतिम बजट में भी रोडवेज एवं रोडवेजकर्मियों को निराशा हाथ लगी है,जहां रोडवेज कमजोर होकर 1500 बसों की संख्या तक सीमित हो गया है तथा रोडवेज में लगभग 10000 पदों पर भी भर्तियां नहीं की गई है।
रोडवेज में सेवारत कर्मचारियों को 1 तारीख को वेतन नहीं मिलता तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 10 माह से पेंशन परिलाभों का भुगतान नहीं हुआ है एवं पेंशन का भुगतान दो माह विलंब से हो रहा है। भारतीय मजदूर संघ द्वारा आंदोलन के तहत कई बार रोडवेज मुख्यालय पर धरना एवं रोडवेज के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी द्वारा विशाल रैली निकालकर मांग पत्र सौंपा था। परंतु सरकार द्वारा आज दिनांक तक किसी भी स्तर पर त्रिपक्षीय वार्ता नहीं की है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं सेवारत कर्मचारियों को वेतन 2 – 2 माह विलंब से दिया जा रहा है पेंशन और पेंशन परिलाभ भी समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। रोडवेज से रिटायर होने वाला कर्मचारी खाली हाथ घर जाता है ऐसे हालात में अब कर्मचारियों के पास आंदोलन तेज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर दिया गया है। मुख्यमंत्री,परिवहन मंत्री महोदय को मांगपत्र भेजा जाएगा तथा बजट पश्चात अनुदान मांगों पर बहस में रोडवेज को सुदृढ़ करने के लिए सरकार के अनुदान से 2000 नई बसों की खरीद तथा लगभग 10000 रिक्त पदों पर भर्ती किए जाने की मांग की जाएगी। रोडवेज को बजट में 1000 बसें सर्विस मॉडल पर देकर तथा राज्य में रोडवेज के समानांतर एक और एजेंसी के माध्यम बस संचालन से रोडवेज के निजीकरण वाले बजट की प्रतियां जलाई जाएंगी। साथ ही रोडवेज अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक महोदय को भी कोटा आगार के मुख्य प्रबंधक के माध्यम से ज्ञापन भेजा ताकि रोडवेज प्रबंधन स्तर की मांगों का भी समाधान निकाला जा सके। यदि फिर भी अनुदान मांगों पर बहस के दौरान रोडवेज कर्मचारियों की मांगों पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो रोडवेज कर्मचारियों द्वारा जनता के बीच जाकर हैंड बिल के माध्यम से रोडवेज के वर्तमान हालात के बारे में बताया जाएगा और आगाह किया जाएगा की यदि हालात नहीं सुधरे तो वह दिन दूर नहीं कि जब मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी रोडवेज में ताले लग जाएंगे और मध्य प्रदेश की तरह परिवहन माफिया का आतंक पूरे राजस्थान में होगा