श्री देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना में मकान आवंटन के लिए सौंपा ज्ञापन

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-सर्वे में नाम होने के बावजूद बेघर हैं पशुपालक
-नहीं हो रही प्रशासनिक सुनवाई
-एसडीएम को कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

कोटा। श्री देवनारायण आवासीय योजना के सर्वे में नाम होने के बावजूद कुछ पशुपालक योजना से वंचित हो रहे हैं जो कि 4 महीने से यूआईटी के चक्कर काट काट कर प्रशासनिक सहयोग की बाट जोह रहे हैं। कई पशुपालक हाइवे पर ही रह रहे हैं व कई अपने संबंधियों के आवासों में किराए से रह रहे हैं। इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने गए पशुपालकों को कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम को ज्ञापन देना पडा।
श्री देवनारायण आवासीय योजना पशुपालक विकास समिति के अध्यक्ष किरण गुर्जर लांगड़ी ने बताया कि पशुपालकों के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल द्वारा सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ योजना लाई गई जिससे पशुपालकों में काफी संतोष है। किंतु कुछ पशुपालक ऐसे भी थे जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी जो कि प्रारंभ में यूआईटी द्वारा रखी गई किश्ते नहीं भर पाए थे जिससे उन्हें यूआईटी द्वारा भूखण्ड आवंटित नहीं किये गए। वे सभी पशुपालक वर्तमान में आवासीय योजना कॉलोनी के गेट के बाहर बैठकर प्रशासनिक सहयोग की आशा लगाए हुए हैैं किंतु उन्हें कहीं से भी किसी भी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है। वे सभी वर्तमान में कम की गई किस्त 5720 की राशि के भुगतान में समर्थ हैं, उक्त सभी पशुपालकों का सर्वे में नाम भी है व सभी के पास यूआईटी द्वारा उपलब्ध करवाई गई डायरी भी है। पशुपालक 4 महीनों से यूआईटी के चक्कर लगा रहे हैं किंतु कहीं से भी कोई भी समाधान नहीं मिल रहा है, अभी वर्तमान में निकाली गई स्कीम जिसका एक लाख व डेढ़ लाख डीडी है वह भी भर पाने की स्थिति में पशुपालक नहीं हैं, पशुपालकों ने मांग की कि पूर्व की स्कीम जिसकी राशि 30000 और 35000 थी उसी स्कीम से हम डीडी भरने को तैयार हैं, 20 वर्ष में हम संपूर्ण राशि चुका देंगे।
उक्त परेशानियों को लेकर पशुपालक ज्ञापन देने कलेक्ट्री पहुंचे जहां जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम ने ज्ञापन लिया व सभी पशुपालकों को दूसरे दिन आकर जिला कलेक्टर से मिलने को कहा।
ज्ञापन देने वालों में भागचंद, सत्तू कुंवाड़ा, छोटू, गोविंद, श्रीकृष्णा, रंगलाल, रामदेव सहित बड़ी संख्या में पशुपालक मौजूद थे।

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