-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। पश्चिमी-मध्य रेलवे के कोटा मंडल ने ट्रेनों से पार्सल देने के लिए रेलवे के पार्सल ऑफिस नहीं जाना पड़ेगा बल्कि अब घर या ऑफिस से ही पार्सल भेज सकेंगे।
कोटा मंडल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्सल भेजने के बाद उसके गंतव्य तक पहुंचने की चिंता दूर करने के लिए अब पार्सल की बुकिंग के साथ ही ट्रेकिंग की सुविधा भी मिल सकेगी। भारतीय रेलवे और भारतीय डाक सेवा विभाग मिलकर डोर-टू-डोर पार्सल प्रोडक्ट योजना (जेपीपी)शुरू कर रहे हैं। इसके तहत पार्सल को बिना टूट-फूट के सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
कोटा मंडल में इस योजना का शुभारम्भ बुधवार को किया गया जिसके तहत 100 किलो पार्सल कोटा से जयपुर भेजा गया। इस पार्सल को इंडिया पोस्ट द्वारा ग्राहक के पते से कोटा रेलवे स्टेशन लाया गया जहाँ इसे रेलवे द्वारा तैयार कराये गए विशेष बॉक्स में लॉक कर गाड़ी से 22997 झालावाड-श्रीगंगानगर सुपरफास्ट से जयपुर के लिए रवाना किया गया जहाँ से इंडिया पोस्ट द्वारा इस पार्सल को पाने वाले के घर तक भेजा गया।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान समय में रेलवे ग्राहकों को पार्सल की डोर-टू-डोर डिलीवरी देने के लिए प्रयासरत है जिसके तहत ही इंडिया पोस्ट से समन्वय कर जेपीपी योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना में ग्राहक का पार्सल रेलवे द्वारा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जायेगा तथा डाक विभाग द्वारा घर से घर तक डिलीवरी की सुविधा दी जायेगी जिससे ग्राहक प्राइवेट कूरियर के समान ही पार्सल की तुरंत डिलीवरी मिलेगी साथ ही रेलवे द्वारा पार्सत को विशिष्ट बॉक्स से पैक कर भेजे जाने के कारण ग्राहक का पार्सत सुरक्षित भी रहेगा।
सूत्रों ने बताया कि इस योजना द्वारा भेजे जा रहे पार्सल को इंडिया पोस्ट द्वारा बुक किया जाएगा एवं रेलवे के पीएमएस ऐप से इस पार्सल को ट्रेस किया जा सकेगा क्योंकि इन पासतों पर एक विशिष्ट बारकोड लगाया जाएगा जिससे ग्राहक आसानी से अपने घर बैठे पार्सल की जानकारी प्राप्त कर सके आईपीपी का उद्देश्य संपूर्ण पार्सल हैंडलिंग समाधान प्रदान करके व्यवसाय से व्यवसाय और व्यवसाय से ग्राहक बाजार को लक्षित करना है, अर्थात पार्सल या लगेज को प्रेषक के परिसर से उठाना, उसकी बुकिंग करना और प्राप्तकर्ता को डोर स्टेप डिलीवरी प्रदान करना। इस योजना के तहत पार्सल के बीमा की सुविधा भी उपलब्ध है।