मानो रंग बिरंगे फूलों का गुलदान

azadi 75th

मेरा देश महान 

-मनु वाशिष्ठ-

manu vashishth
मनु वशिष्ठ

*बहती जिसमें गंगा यमुना, खड़ा हिमालय पिता समान।
पावनपुण्य धरा है जिसकी, ऐसा हिंदुस्तान! है मेरा ऐसा हिंदुस्तान।।
*आजादी के मतवाले,रहते जिसमें दिलवाले, ऋषि मुनि महान।
तपोस्थली कण कण इसका,स्वर्ग से बढ़कर भारत देश महान।।
*देश की माटी चंदन,प्रकृति से भरा समंदर, पर्वत, रेगिस्तान।
वीरों की जननी, रत्न गर्भा भूमि जिसकी, वो देश है हिंदुस्तान।।
*करगिल से लद्दाख,जल थल नभ अंतरिक्ष में अमर शहीदों का बलिदान।
भाषा, विज्ञान, धर्म,संस्कृति का लहराए परचम हो रहा गुणगान।
*हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हर जाति धर्म का होता है सम्मान।
भिन्न-भिन्न है वेशभूषा,भाषा, मानो रंग बिरंगे फूलों का गुलदान।।
*राफेल सुखोई की गर्जना से, दहला दुश्मन चीन पाकिस्तान।
शौर्य,साहस है पहचान,बेटाबेटी एक समान, बढ़ाएं भारत का मान ।।
अदम्य वीरता को नमन, ऐसा हिंदुस्तान! है मेरा ऐसा हिंदुस्तान।।

__ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान

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