
-सुजाता सुज्ञाता-

सबको दिल से खिलाकर,
आखिर में थकान से चूर अनमनी सी,
अपनी थाली लगाती माएँ , अधिकतर
औपचारिकता के फेर में पड़े बगैर ,
एक मोटी अधपकी या जली रोटी
पर सब्जी रख कहती हैं,
“ज्यादा भूख नहीं है !
उनकी सबसे बड़ी दुविधा
‘किसके लिए क्या बचाकर रखूं।’
#Sugyata सुजाता
चित्र shubhachetan Instagram
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