गौरया , आबोहवा और पेड़ की शाख

ak nature
फोटो साभार अखिलेश कुमार

– विवेक कुमार मिश्र

vivek mishra 162x300
डॉ. विवेक कुमार मिश्र

एक गौरया
चुपचाप
सुबह – सुबह
सूखी टहनी पर
बार – बार आती है
पेड़ की हर शाख से
बात करती
मौसम का हाल पूछती
और जल का किनारा
उस ताल के बारे में भी पूछती
जो इसी पेड़ की डाल से दिख जाता
अब नहीं दिखता
गौरया हैरान होकर
ताल के किनारे को देखना चाहती
जीवन की आस में
पेड़ की डाल पर बैठ जाती
क्योंकि इस पेड़ से
जीवन का …और गौरया का
बहुत पुराना रिश्ता है
गौरया जीवन की तरह
शाख पर
मन पर
छा जाती
टहनी की तरह
मन को हिला जाती
गौरया आबोहवा का
हाल दे जाती
तपती धूप में छाया – पानी के लिए
पेड़ की शाख को
झूलते तार की तरह
हिला जाती
गौरया बार – बार
पेड़ का आभार जता जाती ।
– विवेक कुमार मिश्र
__________
सह आचार्य हिंदी
राजकीय कला महाविद्यालय कोटा
एफ -9 समृद्धि नगर स्पेशल बारां रोड कोटा -324002

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments