
– डॉ विवेक कुमार मिश्र-
(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
आस्था की यात्रा जीवन की यात्रा होती है। जीवन पथ पर चलते- चलते हम सब न जाने कितनी यात्राएं करते जाते हैं। यात्रा हमें समृद्ध करती है संसार को देखने जानने का एक अवसर देती है। संसार को समझने का यदि कोई रास्ता है तो यात्रा ही है। यात्रा के साथ कठिनाई पर विजय प्राप्त करना सीखते हैं। घर से बाहर के संसार में, कम सुविधा के बीच जीवन का अच्छे से समायोजन करना यात्रा सीखा देती है।

कैसे सीमित संसाधनों के बीच अपने आप को पूर्ण आनंद के साथ रहना है यह यदि किसी तरीके से संभव है तो यात्रा में होने पर ही संभव है। यहां संसार की एक-एक गतिविधि से संवाद होता है। संसार से इस तरह जुड़ जाते हैं कि संसार को सब कुछ समझने लगते हैं। संसार की पदार्थमयता से मुक्ति भी यात्रा में मिलती है और वास्तविक सच भी सामने आता है।
हमारी दुनिया व्यापक होती जाती है
जब यात्रा पर होते हैं तो अकेले नहीं होते साथ में घर परिवार मन और प्रकृति सब होते और इस तरह हमारी दुनिया व्यापक होती जाती है। न जाने कितना कुछ आंखों में बस जाता । आंखें संभाल कर रखना जानती हैं संसार को और उस संसार से अपने काम की बातें निकालती रहती हैं। यदि वस्तु पदार्थ को लेकर चलें तो हम जीवन का अर्थ समझ पाने में समर्थ होते हैं । यात्राएं इस तरह होती हैं कि आप जीवन को पढ़ना लिखना सीख जाते हैं । एक यात्रा होती है जिसमें हम अपने ही मन को अपनी सत्ता को समझने लग जाते हैं।
चलती रहती है यात्रा
यात्रा बताती है कि कहां से हम चलें थे और कहां जा रहे हैं। यात्रा हमें लेकर जाती है उस हर लक्ष्य पर लेकर जाती है जो मनुष्य के रूप में हमारी दुनिया के हिस्से होते हैं। जीवन को अर्थ, प्रकाश और अस्तित्व की सत्ता यात्रा में ही मिलती है। आस्था की यात्रा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। एक पीढ़ी चलते चलते जहां पर यात्रा के क्रम में रुक जाती वहीं से दूसरी पीढ़ी अपनी यात्रा शुरु करती। इस तरह यात्रा चलती रहती है। कभी खत्म नहीं होती और यह यात्रा पूर्णता की खोज का भी पर्याय होती है।
यात्रा पूरी जिंदगी का निचोड़
यात्रा में जिंदगी ही होती है। यह भी कह सकते हैं कि यात्रा पूरी जिंदगी का निचोड़ होती है। सदियों से देश के लोग यात्राएं करते आ रहे हैं । किसी भी राह पर निकल जाइये देश के लोग अपने अपने प्रदेश के साथ अपनी बोली बानी और अपनी संस्कृति के साथ यात्रा करते मिल जायेंगे । इस यात्रा में लोक होता है लोक संस्कृति होती और हमारी मजबूत विरासत होती है । अनथक यात्रा आदमी के साहस और जीवन के प्रति गहरे लगाव का परिणाम होती है । वह यात्राओं से ही जीवन के वे सारे तत्व खोजता है जो जीवन मात्र के लिए जरूरी होते हैं।
जीवन पथ को आलोकित करने का काम भी करती हैं यात्रा
यात्रा में होना जीवन को समझने का अवसर देता है। आप किस क्रम में हैं ? किस यात्रा में हैं ? और यात्रा लेकर कहां जा रहे हैं ? यात्राएं जीवन का पथ बनाती रहती हैं और जीवन पथ को आलोकित करने का काम भी करती हैं । जीवन की यात्राएं हमें सफलता के पथ पर लेकर चलती हैं । हर यात्रा अभावों के बीच से जीवन का अर्थ और मूल्य लेकर आती है । यात्राएं हमें भरती हैं हमारे भीतर जो खालीपन होता उसे अर्थ यात्राएं ही देती हैं । यात्रा में यह सीखने को मिलता है कि अभाव के बीच कैसे चलना है। यात्रा में घर को उठा कर तो ले नहीं चलते पर घर का भाव जब आपके साथ रहता है तो आप यात्रा को उल्लास के साथ पूरा करते हैं।
यात्रा में आंतरिक जीवन वाह्य जीवन को रचता है
यात्राएं रचती गढ़ती और हमारे मन को भरने का काम करती हैं । राह चलते देखने में आता है लोग बाग अपने घर गांव समाज को अपने मन के साथ लेकर चलते हैं। पैदल चलते हुए लोग अपने मन को अपनी आस्था को लिए जा रहे हैं। आस्था हमारे मन को वाह्य संसार से जीवन से जोड़ने का काम करती है। जीवन पथ पर चलने के लिए साहस के साथ चलना होता है और यह साहस हमारा आंतरिक मन देता है। यात्रा में आंतरिक जीवन वाह्य जीवन को रचता है इस तरह मजबूत कर देता है कि मन की सत्ता को हम समझने लगते हैं ।
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