जो कहा था वह कर दिखाया…

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फोटो साभार संसद टीवी

-संसद में राहुल गांधी का भाषण !

-यदि मैं संसद में बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी 
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-देवेंद्र कुमार-

devendra yadav
देवेंद्र यादव

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूर्व में कहा था कि मैं संसद में बोला तो सुनामी आ जाएगी। मुझे सत्ता पक्ष संसद में बोलने नहीं देता। राहुल गांधी के इस बयान की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जमकर खिल्ली उड़ाई और मजाक बनाया था। मगर जब विपक्ष के नेता के रूप में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राहुल गांधी संसद में 1 जुलाई को बोलने लगे तो सत्ताधारी भाजपा के मंत्री सदन में राहुल गांधी को बार-बार खड़े होकर और बैठ कर टोका टाकी करने लगे। भगवान शिव को अपनी ढाल बनाकर राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष को अपने जाल में ऐसा लपेटा की, विपक्ष के नेताऔ की यह शिकायत दूर हो गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री सदन में विपक्ष के नेताओं के सवालों का जवाब नहीं देते।
लगभग 1 घंटा 40 मिनट के अपने भाषण में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार, रक्षा मंत्री को दो बार तथा गृहमंत्री को तीन और अन्य मंत्रियों को बोलने पर विवश कर दिया। राहुल गांधी ने अपने उस दावे को भी 1 जुलाई सोमवार को सही साबित कर दिया कि मैं जब चाहूं तब नरेंद्र मोदी को बुलवा सकता हूं।
विपक्ष की यह शिकायत रहती थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आते नहीं है और आते हैं तो मौन रहते हैं। विपक्ष की बात पर जवाब नहीं देते मगर राहुल गांधी ने अपने एक ही भाषण में नरेंद्र मोदी के मौन को दो बार तुडा दिया।
राहुल गांधी ने सदन मैं स्पीकर ओम बिरला, को उनके पद और शक्तियों का एहसास कराते हुए कहा कि आपको किसी के सामने झुकना नहीं चाहिए, क्योंकि आप सदन के सर्वाेच्च पद पर विराजमान है बाकी सब आपसे छोटे हैं।
1 जुलाई सोमवार को देश की नई पीढ़ी ने शायद पहली बार यह भी देखा कि सदन में विपक्ष के नेता की ताकत क्या होती है, और सदन में विपक्ष का नेता होना क्यों जरूरी है। 10 वर्षों से सदन में विपक्ष का नेता ही नहीं था, इसलिए युवा पीढ़ी को पता ही नहीं था कि विपक्ष का नेता क्या होता है और उसकी ताकत क्या होती है।
राजनीतिक पंडित और मुख्य धारा के मीडिया राजनीतिक विश्लेषकों को 1 जुलाई सोमवार को यह भी बताया कि विपक्ष संसद में मौजूद है क्योंकि बार-बार देश में एक बात गूंजती थी कि देश में विपक्ष कहां है।
सत्ता पक्ष को विश्वास नहीं था कि राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में अपने पहले ही भाषण में सत्ता पक्ष के लोगों को बोलने पर विवश कर देंगे।
राहुल गांधी के बाद बारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है, मोदी सदन में राहुल गांधी की बातों का क्या जवाब देते हैं इस पर सबकी नजर है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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