कोटा। विश्व में बढ़ते पर्यावरण संकट के समाधान के लिए बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने एवं मौजूदा मानव संसाधन को प्रकृति का हितैषी बनाने पर विचार करने की जरूरत पर जोर दिया गया। देश विदेश के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उदयपुर घोषणा को जारी किया गया जिसमें पानी को केवल तकनीकी विषय न मान कर सामुदायिक,आध्यात्मिक,आर्थिक विषय माना गया।
पीपुल्स वर्ल्ड कमीशन ऑन ड्राउट एंड फ्लड (बाढ़ सुखड़ विश्व जन आयोग) के विश्व जल सम्मेलन उदयपुर में 8 से 10 दिसम्बर तक चम्बल संसद के समन्वयक एवं जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार बृजेश विजयवर्गीय तथा संरक्षक कौशिक गायत्री परिवार यज्ञदत्त हाड़ा ने 15 देशों के प्रतिनिधियों के मंच पर चम्बल संसद का प्रतिनिधित्व किया।
आयोग के चेयरमेन वाटरमेन डॉ राजेंद्र सिंह की अगुवाई में आयोजित कान्क्लेव में विश्व स्तर पर गठित कमीशन की जनरल असेंबली में चम्बल क्षैत्र को शामिल कर जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार बृजेश विजयवर्गीय एवं पूर्व स्काउट कमिश्नर हाड़ा को इसका सदस्य मनोनीत किया है जो कि जल के अधिक्य और संकट पर समाधान करने के लिए कमीशन की एडवाईजरी में वैज्ञानिक समाधान रखेंगे। वर्ल्ड वाटर कान्क्ल्ेाव में नदियों की निर्मलता,पहाड़ों का संरक्षण,वनों का संवर्द्धन और स्वच्छता,सामुदायिक उपयोगिता को सरकार की नीतियों में मजबूती से समाहित करने का मंतव्य जाहिर किया गया। इसके लिए सरकारों व जागृत समाज के लोगों द्वारा वैश्विक पहल की जा रही है।
चम्बल संसद के प्रवक्ता ने बताया कि विश्व जन आयोग बाढ़ सुखाड़ स्वीडन के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में र लक्ष्यराज सिंह, बोस्निया एवं हरर्जेगोविना के राजदूत मुहम्मद सैंगिस , आयोग के चेयरमेन डॉ राजेंद्र सिंह,जेआरएनआरवी विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. बलवंत राय,उप कुलपति प्रो.एसएस सारंगदेवोत, राजिस्ट्रार डॉ हेमशेखर दाधीच आयोजन कमेटी के सदस्यों समेत देश विदेश से प्रतिनिधि जल पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर मंथन किया गया।