फलसफा जिंदगी का…

-अखिलेश कुमार-

akhilesh kumar
अखिलेश कुमार

(फोटो जर्नलिस्ट)
यह महज एक फोटो नहीं बल्कि एक संदेश भी है। क्योंकि जीवन की पाठशाला में नए सबक मिलते हैं। प्रतिदिन भोर होते ही जीवन की आपा धापी शुरू हो जाती है। पक्षी भी भोजन की तलाश में निकल जाते हैं बगैर यह परवाह किए कि उन्हें कहां और कब दाना पानी मिलेगा। देखा जाए तो जीवन में सदैव अवरोध आते रहेंगे। यात्रा जितनी लंबी होगी अथवा लक्ष्य जितना श्रेष्ठ होगा अवरोध भी उतने ही उत्पन्न होगे। बस उन क्षणों में धैर्य का परिचय देते हुए ये विचार करना होगा कि जब सुख ही शाश्वत नहीं रहा, तो दुख की क्या औकात है? समय बुरा हो सकता है, मगर जीवन कदापि नहीं। गढ पैलेस कोटा के ऊपर से उडकर नई सुबह के साथ नई डगर की ओर बढ रहे ये पक्षी शायद यही संदेश दे रहे हैं।

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Neelam
Neelam
2 years ago

सच जीवन चलने का नाम