-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। इन दिनों सर्दी का मौसम आते ही फूलों की बहार है। कोटा के गणेश उद्यान में मालियों ने कलाकारी से फूलों के पौधों को रौपा है। दूर से ऐसा महसूस होता है मानो फूलों का गलीचा बिछा हो।

यह मौसम गुलदाउदी पुष्प का है। सर्दियों में इस पुष्प की बहार रहती है और कई जगह इसके कम्पटीशन भी आयोजित किए जाते हैं। इस पुष्प को जाडे की रानी भी कहा जाता है।

गुलदाउदी एक मौसमी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वाेत्तर यूरोप मे पाया जाता है।

ग्रीक भाषा के अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है।

गुलदाउदी के फूल छोटे और बड़े दो प्रकार के होते हैं। छोटे तथा सफेद अथवा पीले रंग के फूल वाली गुलदाउदी औषधि के लिए अधिक गुणकारी है। इस पर फूल और फल लगने का समय सितम्बर से फरवरी तक होता है।

धरती का सौंदर्य हरियाली से आच्छादित धरा और बाग बगीचों में फूलों से लदी क्यारियां में मुस्कराते,इठलाते रंग बिरंगे फूल और कल के सूर्योदय का इंतजार करती कलियां बरबस आमजन को आकर्षित करते रहते हैं.