-अखिलेश कुमार-

akhilesh kumar
अखिलेश कुमार

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोहरे का सितम है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कोहरे की वजह से न केवल आम जन बल्कि पशु पक्षी और यहां तक कि जलचर भी परेशान हो रहे हैं।

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कोहरे में भीतरिया कुण्ड की जाली पर बैठकर इंतजार करता पक्षी। फोटो

कोटा का भीतरिया कुण्ड ऐसा धार्मिक स्थल है जहां माघ के माह में स्नान करने का महत्व माना जाता है। श्रद्धालु भी तडके ही स्नान के लिए आते हैं लेकिन कोहरे की वजह से श्रद्धालुओं का आना भी देर से शुरू होता है।

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अधिकांश समय नदी में तैरते हुए बिताने वाली जल कूकडी भी कोहरे के छंटने का इंतजार करते हुए। फोटो अखिलेश कुमार

कल से बसंत ऋतु शुरू हो रही है ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सर्दी और कोहरे से निजात मिल सके।

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