
81 प्रतिशत का आंकड़ा पार और बढ़ सकता है मत प्रतिशत
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच 259 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। राज्य में भारी मतदान हुआ। शाम चार बजे 81 प्रतिशत से अधिक संख्या में मतदाताओं ने मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे। इसलिए मतदान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। मतदाताओं का फैसला अब 2 मार्च को मतगणना के साथ सामने आएगा। तब तक इस सवाल पर कयास लगाए जाते रहेंगे कि क्या भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार की वापसी होगी या वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाएगा या टिपरा मोथा व तृणमूल कांग्रेस के चलते त्रिशंकु विधानसभा सामने आएगी। टिपरा मोथा के मैदान में होने से ये कयास बढ़ गए हैं।
मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था। राज्य में 3,337 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए 31,000 मतदानकर्मी और केंद्रीय बलों के 25,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए थे। इसके अलावा, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस और राज्य पुलिस के 31,000 कर्मचारियों को तैनात किया गया था।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अगरतला में वोट डाला जबकि पूर्व सीएम माणिक सरकार ने अगरतला में वोट डाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर वाम दलों के पोलिंग एजेंटों पर हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि वाम दलों के पोलिंग एजेंटों को धनपुर में पोलिंग बूथों से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने गोमती जिले के उदयपुर में भी हिंसा का आरोप लगाया.