मंदिर में प्रवेश से वंचित रहे समुदाय को 80 साल बाद मिला भगवान के दर्शन का सौभाग्य

01

चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुवण्णालै जिले के थेनमुडियानूर गांव में लगभग 500 अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं। इस समुदाय को 80 साल से अधिक समय से 200 साल पुराने मंदिर में प्रवेश से वंचित रखा गया था। लेकिन अखिरकार इन लोगों को मंदिर में प्रवेश मिल गया। अब इसे ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। इनके मंदिर में प्रवेश के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए मंदिर के बाहर भारी और पूरे गांव में पुलिस बलों की तैनाती भी की गई, क्योंकि गांव में 12 प्रभावशाली समूहों के उग्र विरोध के कारण स्थिति तनावपूर्ण है।

नई शुरुआत की उम्मीद

कई बैठकों के दौर और भारी विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने और भगवान के दर्शन करने की अनुमति दी गई। अनुसूचित जाति समुदाय के लगभग 15 से 20 परिवार मंदिर में जाकर पूजा करने के लिए आगे आए हैं और पुलिस को उम्मीद है कि यह एक नई शुरुआत हो सकती है। अन्य लोग भी बाद में आएंगे, और यह सांप्रदायिक विभाजन को तोड़ सकता है, जैसा कि कई लोग कहते हैं।

02

त्यौहार आयोजित करने की मांगी थी अनुमति

तिरुवण्णालै जिले के थेनमुडियानूर गांव में पोंगल से पहले मुत्तु मारिअम्मन मंदिर में 12 दिनों का उत्सव मनाया गया। इस त्यौहार में अनुसूचित जाति के लोगों ने कहा, उन्हें भी एक दिन त्यौहार आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने मंदिर के अंदर जाने और भगवान के दर्शन करने दिए जाने की मांग की, लेकिन चूंकि कस्बे के कई लोगों ने इसकी अनुमति नहीं दी, इसलिए निराश समुदाय के लोगों ने तिरुवण्णामलै हिंदू धार्मिक दान विभाग को मंदिर के अंदर अनुमति देने से संबंधित कदम उठाने के लिए याचिका दायर की।

उच्च समुदायों को मनाने के लिए चला बैठकों का दौर

हिंदू धर्म कल्याण विभाग के अधिकारियों ने गांव में जांच की। जांच में चैंकाने वाली जानकारी सामने आई कि पिछले 80 सालों से अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। अनुसूचित जाति के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के लिए उच्च समुदायों को मनाने के लिए जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक ने शांति समिति की बैठकों की एक श्रृंखला का नेतृत्व किया। उसी के आधार पर हिन्दू धर्म कल्याण विभाग की ओर से मंदिर में उन्हें प्रवेश की अनुमति दी। अधिकारियों का कहना है कि मंदिर जाति और धर्म से परे है। निम्न वर्ग भी मंदिर में प्रवेश कर सकता है।

प्रभावशाली समुदाय कर रहा मंदिर सील करने की मांग

ऐसे में प्रभावशाली समुदायों के 750 से अधिक लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं और मंदिर को सील करने की मांग कर रहे हैं। जिला पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन के नेतृत्व में पुलिस ने स्थानीय लोगों द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव को घेर लिया। इस वजह से मंदिर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। विरोध के चलते तनाव को देखते हुए आंसू गैस के गोले भी तैयार रखे गए हैं।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments