-फ्रांस की यात्रा पर पीएम मोदी
-एक बड़े रक्षा समझौते के करीब हैं भारत और फ्रांस
-द ओपिनियन-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय या़त्रा पर गुरुवार को फ्रांस पहुंच गए है। वहां उनका व्यस्त कार्यक्रम है और उनके दौरे को राजनयिक क्षेत्रों में बहुत अहम माना जा रहा है। फ्रांस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी है जिसको 25 साल हो गए हैं। इस दौरान दोनों के रिश्ते एक नए मुकाम पर पहुंच गए हैं। फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते इसलिए भी अहम हैं क्योंकि फ्रांस ने हमेश मुश्किल घड़ी में भारत का साथ दिया है। वह आड़े वक्त में काम आने वाला दोस्त रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 1998 में भारत द्वारा किया गया परमाणु परीक्षण है जब दुनिया के शक्तिशाली कहे जाने वाले देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, तब फ्रांस ने पश्चिम खेमे का पिछलग्गू बनने के बजाय भारत का साथ दिया। इसके अलावा भी ऐसे बहुत से अवसर हैं जब संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस ने भारत का साथ दिया। आज पीएम मोदी के फ्रांस में बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम हैं। फ्रांस व भारत के समय में करीब पांच-साढ़े पांच घंटे का अंतर है। पीएम मोदी आज कई फ्रांसीसी नेताओं व भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात करेंगे और शुक्रवार को उनकी राष्ट्रपति मैक्रो के साथ मुलाकात होने वाली है। उनकी यह मुलाकात बहुत अहम होगी। जिसमें दोनों देशों के रिश्तों को एक नया आयाम मिल सकता है। समझा जाता है कि भारत फ्रांस से नौसेना के लिए 26 राफेल एम विमानों की खरीद के लिए समझौता कर सकता है। रक्षा मंत्रालय से संबंधित रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इस खरीद को मंजूरी दे दी है। यदि दोनों देशों के बीच यह समझौता हो गया तो यह भारतीय नौसेना की आपरेशनल ताकत बढाने के लिए बहुत ही अहम होगा। राफेल एम विमान भारत के स्वदेशी विमान वाहक पोत पर तैतान किए जाएंगे। ये विमान रूसी मूल के मिग-29 विमानों की जगह लेंगे। चूंकि भारतीय वायु सेना पहले से ही राफेल विमानों का उपयोग कर रही है तो इसलिए भारत को राफेल एम विमानों के आने से उनके रखरखाव के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी ।
पीएम मोदी की इस या़त्रा का एक अहम परेड फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस पर पेरिस में आयोजित परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित होना है। इस परेड में भारत की तीनों सेनाओं का दल भी शामिल होगा। यह दोनों देशों के रिश्तों की प्रगाढ़ता का प्रतीक है। पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और फ्रांस के रक्षा संबंध नई उंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने गुरुवार को विश्वास भी व्यक्त किया कि उनकी फ्रांस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को नई रफ्तार मिलेगी।
इससे पहले पीएम मोदी वर्ष 2022 में फ्रांस यात्रा पर गए थे। इसके बाद भी पीएम मोदी व फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से उनकी अंतराष्ट्रीय मंचों पर मुलाकात हो चुकी है। हाल ही में मई 2023 में जी-7 शिखर वार्ता के दौरान जापान के हिरोशिमा में भी उनसे मुलाकात हुई थी।
अंतराष्ट्रीय कूटनीति की दृष्टि से भी पीएम मोदी की यह यात्रा अहम है। हाल ही में मोदी अमेरिका की यात्रा कर लौटे हैं। अमेरिका के साथ उन्होंने मिस्र की यात्रा की और अब फ्रांस की यात्रा के साथ वापसी में वे संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेंगे। खाड़ी देशों में संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत के घनिष्ठ रिश्ते हैं और अमीरात भारत में निवेश करता रहता है। अनेक भारतीयों के लिए दुबई व्यापार व आर्थिक केंद्र है और बड़ी संख्या में भारतीय वहां रहते हैं। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार को निष्प्रभावी करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों का सहयोग बहुत काम आता है। इसलिए उनकी अमीरात यात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने फ्रांस की यात्रा पर रवाना होने से पहले फ्रांस के एक बड़े अखबार ‘‘लेस इकोस‘‘ को दिए इस इंटरव्यू में पश्चिमी देशों और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु के तौर पर भारत की भूमिका का रेखांकित किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत भी की। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनिया की बात करने का दावा कैसे कर सकता है, जब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश ही इसका स्थायी सदस्य नहीं है।
भारत और फ्रांस के रिश्तों पर भी बात
भारत और फ्रांस के रिश्तों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी हिंद प्रशांत क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अहम साझेदारियों में से एक है। हम हिंद महासागर क्षेत्र में दो बड़ी शक्तियां हैं। हमारी सहभागिता का मकसद एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और स्थिर हिन्द प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाना है।