
राजस्थान भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक ओर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हमले का कोई अवसर नहीं छोड रही वहीं प्रदेश भाजपा में आपसी फूट खुलकर सामने आ रही है। विधायक कैलाश मेघवाल का पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबन इसमें और एक कडी जुड गई है। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पूर्व कैलाश मेघवाल ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लेकर बयान देकर पार्टी में हलचल मचा दी थी।
कैलाश मेघवाल राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं इसलिए उनके कद को कम करके नहीं आंका जा सकता। राजस्थान में कैलाश मेघवाल दलित नेता के अलावा पार्टी में अपना अलग वजूद भी रखते हैं लेकिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से कारण बताओ नोटिस के बाद की है। मामला आगे की कार्रवाई के लिए अनुशासन समिति को भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भ्रष्ट नंबर एक कहा था। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में पार्टी पर उन्हें दरकिनार करने और उन्हें हीरो से जीरो बनाने का आरोप लगाया था।
कैलाश मेघवाल ने अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा था कि अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री पद से तब तक हटाया जाना चाहिए जब तक कि अदालत में उनके खिलाफ लंबित मामलों का फैसला नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को लिखा है और उम्मीद है प्रधानमंत्री उचित निर्णय करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज एक मामला 2014 से लंबित है। वह मंत्री की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को भी लिखेंगे। उन्होंने दावा किया कि एक आरोपष् है कि अर्जुन राम मेघवाल ने 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों से पहले झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया था।
उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।