जिला कलक्टर कोटा के गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त जलापूर्ति करने के निर्देश

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अकेलगढ में जल शुद्धिकरण की जानकारी लेते जिला कलक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी।

कोटा। जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी गुरूवार 23 मई को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अकेलगढ़ स्थित शहरी जल योजना कोटा के मुख्य जल शोधन संयंत्र पहुंचे और जल शुद्धिकरण, क्लोरीनेशन एवं संयंत्र से पेयजल वितरण की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। डॉ. गोस्वामी ने क्लीन वॉटर रिजर्वाेेयर के पानी की अवशिष्ट क्लोरीनेशन चैकिंग भी की।
पेयजल वितरण से जुड़े अभियंताओं से पानी की गुणवत्ता पर चर्चा के दौरान जिला कलक्टर को सहायक अभियंता उत्पादन उपखंड अकेलगढ़ ने बताया कि सप्ताह में दो बार प्रयोगशाला में रॉ वॉटर एवं क्लीन वॉटर टेस्टिंग की जाती है। साथ ही सप्ताह में दो बार क्लोरीनेशन भी किया जाता है।

डॉ. गोस्वामी ने अधिशाषी अभियंता, पीएचईडी नगर खंड प्रथम भारत भूषण मिगलानी को निर्देश दिए कि शहर में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के साथ ही पेयजल गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए बढ़ रही पानी की मांग के मध्यनजर उन्होंने कहा कि आगामी एक माह तक पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाएं
इससे पहले जिला कलक्टर शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र महावीर नगर तृतीय पहुंचे और वहां मौजूद चिकित्साधिकारी से डेंगू, मलेरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने तथा उनकी रोकथाम के लिए फील्ड में चल रहे अभियान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही आमजन को डेंगू से बचाव के बारे में जागरूक किया जाए एवं एंटी लार्वा गतिविधियां चलाएं। डॉ. गोस्वामी ने ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण केन्द्र, प्रयोगशाला एवं मौसमी बीमारियों के बारे में जागरूकता सामग्री आदि का जायजा लिया।

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शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र महावीर नगर तृतीय में जानकारी लेते जिला कलक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी।

छात्रावासों के गार्जियन बनें प्रशासनिक अधिकारी
डॉ. गोस्वामी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कार्यालय का भी निरीक्षण किया एवं प्रत्येक डेस्क पर जाकर कार्मिकों से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिकों के कक्ष एवं डेस्क पर उनके नाम एवं पदनाम की जानकारी वाली नेम प्लेट लगी हो ताकि कार्यालय में आने वाले आमजन को पता रहे कि उन्हें अपने काम के लिए किससे मिलना है। साथ ही, सम्पर्क पोर्टल पर आई शिकायत के निस्तारण में इस बात का ध्यान रखें कि परिवादी समस्या समाधान से संतुष्ट हो।
जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित 26 छात्रावासों में एसडीएम, तहसीलदार, बीडीओ एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को गार्जियन बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गार्जियन बने अधिकारी माह में एक बार हॉस्टल का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे एवं छात्रावासों में आ रही समस्याओं के समाधान के साथ ही दानदाताओं को भी प्रोत्साहित करेंगे।

(समाचार स्त्रोत डीआईपीआर)

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