गुजरात: दूसरे चरण के लिए घमासान निर्णायक मोड पर, उत्तर गुजरात में कांग्रेस का गढ भेदने की जुगत में है भाजपा

कम मतदान से किसको मिलेगा फायदा आकलन शुरू

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-द ओपिनियन-

गुजरात में चुनाव प्रचार को आज अंतिम दिन है और 5 दिसम्बर को दूसरे चरण का मतदान हैै। दूसरे चरण में 93 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। ये सीटें उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात के 14 जिलों में फैली हैं। उत्तर गुजरात में कांग्रेस व सत्तारूढ भाजपा के बीच कडा चुनावी मुकाबला होने के आसार हैैं। कांग्रेस ने यहां अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। चुनाव प्रचार थमने के पहले दो दिन यानी गुरुवार और शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर प्रचार किया। उन्होंने इन दो दिनों में 8 चुनाव रैलियों को संबोधित किया और दो बडे रोड शो किए। उनके अलावा भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह भी चुनाव प्रचार अभियान में जुटे रहे हैं। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव सभाओं को संबोधित किया। आम आदमी पार्टी भी प्रचार अभियान में जुटी रही। पीएम मोदी ने इन दोनों दिनों में कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस उनको गालियां देती हैं। वे यह बात कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयानों के संदर्भ में कहते हैं। वहीं कांग्रेस उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहती है कि वे ही उसके नेताओं पर प्रहार करते रहते हैं। गुजरात में प्रथम चरण में हुए 89 सीटों पर मतदान में करीब 63ण् 31 प्रतिशत वोट पडे। जबकि पिछले चुनाव में पहले चरण में 66ण्75 प्रतिशत वोट पडे थे। मत प्रतिशत में आई इस गिरावट पर अब राजनीतिक विश्लेषकों व पार्टियों ने मंथन शुरू कर दिया है कि इसका किसको फायदा और किसको नुकसान होगा। कम मतदान सत्तारूढ पार्टी के पक्ष में जाता है या विपक्ष को फायदा मिलता है। इस पर फिलहाल हर पार्टी अपने अपने हिसाब से आकलन कर रही है। शहरी तथा पाटीदार बहुल इलाकों में मतदान कम और आदिवासी बहुल इलाकों में ज्यादा हुआ है। पिछली बार से करीब तीन फीसदी वोट कम पडे हैं।
चुनाव के दूसरे चरण में शामिल उत्तर गुजरात कांग्रेस का गढ माना जाता रहा है और यहां उसका भाजपा से कडा मुकाबला रहा है।यहां भाजपा को एकतरफा जीत हासिल करने का अवसर पिछले दोनों विधानसभा चुनाव में ही नहीं मिला। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार भी यहां कांग्रेस के गढ को पूरी तरह ध्वस्त करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। भाजपा के समक्ष यहां कांग्रेस की कडी चुनौती मिलना संभव है। कांग्रेस भी राज्य की सत्ता में वापसी को लालायित है और वह भी अपने इस गढ को ध्वस्त नहीं होने देने के लिए पूरी ताकत से जुटी है।
उत्तरी गुजरात में बनासकांठा, पाटण, मेहसाणा, साबरकांठा, अरावली और गांधीनगर छह जिले शामिल हैं जिनमें 32 कुल विधानसभा सीटें है। जिन पर दूसरे चरण में मतदान होना है। शेष सीटें मध्य गुजरात में हैं। उत्तर गुजरात की इन 32 सीटों में से कांग्रेस ने 2012 और 2017 के चुनावों में 17 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा 2012 में 15 और 2017 में 14 सीटों पर विजयी रही थी। 2017 में वडगाम सुरक्षित सीट से निर्दलीय उम्मीदवार जग्नेश मेवाणी विजयी रहे थें। उनको कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था।

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