
केस 1-
पिछले गुरूवार को आदमवाककम मे 33 वर्षीय इंजीनियर निर्माणाधीन ड्रेनेज में गिर कर घायल हो गया। लोहे की राड उनकी जांघ में घुस गई। निर्माणाधीन गड्ढे में गिरने के बाद जब 33 वर्षीय इंजीनियर चिल्लाया तो आसपास के लोगों ने उन्हें निर्माणाधीन डेनेज से बाहर निकाला।
केस-2 –
बीते दिनों राधा-कृष्ण सालै सिटी सेंटर के सामने रात 9 00 बजे एक बाइक सवार निर्माणाधीन ड्रेनेज के गड्ढे मे गिरकर चोटिल हो गया। आसपास के लोगों ने उसे निर्माणाधीन गड्ढे से बाहर निकाला। इसका कारण ठेकेदार की ओर से साइट पर बैरीकेडिंग नहीं किया जाना था।
केस- 3
गुरुवार को एलीफेंट गेट रोड पर एक बाइक सवार निर्माणाधीन ड्रेनेज के गड्ढे में गिर गया। उसे गंभीर चोटें लग जाती है। इसका कारण ठेकेदार ने वहां भी पूर्ण रूप से बैरिकेडिंग नहीं किया हुआ है।
-विष्णु देव मंडल-
(स्वतंत्र पत्रकार, चेन्नई)
चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 1058 किलोमीटर परीक्षेत्र में इन दिनों ड्रेनेज निर्माण कार्य मंथर गति से चल रहा हैं। महानगर के लगभग सभी 15 जोन में ड्रेनेज को निर्माण एवं सफाई कार्य हो रहा हैं।

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के मुताबिक आगामी अक्टूबर तक मानसून आने से पहले महानगर के सभी इलाकों में ड्रेनेज के निर्माण कार्य पूरा करने है, लेकिन ठेकेदारों की उदासीनता के कारण जहां निर्माण कार्य कछुए की चाल से हो रहा है, वहीं निर्माणाधीन साइट पर आमजन के सुरक्षा का इंतजाम के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के मुताबिक निर्माणाधीन ड्रेनेज के सभी साइट पर पूर्ण बैरिकेडिंग लगाने का प्रावधान है। जिनके लिए ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने सिर्फ बैरिकेडिंग के लिए 13.17 करोड़ राशि आवंटित की है। अर्थात प्रति मीटर पर 125 रुपए खर्च किए जा रहे हैं।बावजूद इसके महानगर में निर्माणाधीन ड्रेनेज निर्माण कार्य के साइटों पर बैरिकेडिंग की महज खानापूर्ति की गई है। निर्माणाधीन साइटों पर सुरक्षा का माकूल इंतजाम नजर नहीं आता और लोग निर्माणाधीन ड्रेनेज के गड्ढे में गिरकर हादसे के शिकार हो रहे हैं। चेन्नई के प्रमुख शहरी इलाका टी नगर, पुरसवक्कम, वेपेरी, केके नगर,साहूकारपेट, वॉल टैक्स रोड आदि में बैरीकटिंग के नाम पर महज खानापूर्ति से हादसे हो रहे हैं। जबकि समय से पहले उत्तर पूर्व मानसून ने दस्तक दे दी है। कुछ दिनों से कई इलाकों में बारिश भी हुई है। महानगर के कई इलाकों में निर्माण एवं सफाई का कार्य धीमी चाल से चल रहा है।

यातायात पुलिस के बैरिकेडिंग का हो रहा है उपयोग
ज्ञात हो कि ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा आवंटित 13.17 करोड रुपए मिलने के बावजूद भी कांट्रेक्टर अपनी तरफ से बैरिकेडिंग लगाने में कंजूसी दिखा रहे हैं। वहीं यातायात पुलिस के लिए आवंटित बैरिकेडिंग को अपने कंस्ट्रक्शन साइट पर उपयोग कर रहे हैं। राजाजी सालै, एलीफेंट गेट रोड, जवाहरलाल नेहरू मार्ग आदि इलाकों में अधिकांश बैरिकेडिंग ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रयोग किए जा रहे थे। उसी बैरिकेडिंग को कांट्रेक्टर उपयोग में ला रहे हैं।
निर्माणाधीन साइट पर कार्य आधा अधूरा
हमारे रिपोर्टर ने महानगर के कई इलाकों में मुआयना किया तो अधिकांश निर्माणाधीन साइटो का काम अधरझूल में ही है। अधिकांश जगह पर ड्रेनेज लाक नहीं किया गया है। फुटपाथ के ऊपर कंस्ट्रक्शन का सामान पड़ा हुआ है,वहीं जगह-जगह पर ड्रेनेज खुला पड़ा है। मेनहोल खुले होने के कारण कभी भी हादसे की होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

अधिकारी कहिन…
महानगर के अधिकांश मार्ग अस्त-व्यस्त हैं। एक साथ कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जहां मेट्रो का निर्माण कार्य जारी है, वहीं ड्रेनेज का निर्माण कार्य भी चल रहा है। टांजाडको द्वारा जमीन के भीतर केबल बिछाने का काम चल रहा है। ऐसे में सड़क पर चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। जहां भी अनियमितता पाई जा रही है उस ठेकेदारों पर कार्रवाई की जा रहे हैं।
जी श्रीधरन, र्कारपोरेशन अधिकारी.
फैक्ट फाइल
-निर्माणाधीन ड्रेनेज हेतु आवंटित राशि 4227 करोड़
– निर्माणाधीन ड्रेनेज का कुल क्षेत्रफल 1058 किलोमीटर
– निर्माणाधीन ड्रेनेज के लिए बैरिकेडिंग हेतु प्रति मीटर 125 रुपए
-ड्रेनेज निर्माण पूरा करने का लक्ष्य आगामी अक्टूबर 2022