तमिलनाडु में शराब के छोटा पैक के जरिए राजस्व बढाना चाहती है डीएमके सरकार

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

चेन्नई। तमिलनाडु सरकार के आबकारी मंत्री मुथुसामी के द्वारा शराब का छोटा पैक लॉन्च करने की बात सुर्खियों में है। तमिलनाडु की तमाम विपक्षी पार्टियों और आमजन ने सरकार की इस नीति का विरोध करना शुरू कर दिया है मंत्री मुथुस्वामी का सोशल साइट पर मजाक भी बनाया जा रहा है।
मालूम हो कि डीएमके सरकार ने कुछ महीने पहले ही तमिलनाडु में 500 शराब की दुकानें बंद की हैं। बावजूद इसके तमिलनाडु में 5000 से भी अधिक शराब की दुकानें हैं जिनके माध्यम से प्रतिवर्ष 40000 करोड़ से भी अधिक कि शराब की बिक्री की जाती है। जिससे तमिलनाडु सरकार को कुल राजस्व का 10ः आमदनी होती है। ऐसे में सरकार द्वारा शराब के छोटा पैक (90 मिलीलीटर) यदि बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा तो इससे कम आय लोग एवं छात्र भी प्रभावित होंगे। क्योंकि कम आमदनी के लोग अक्सर शराब की बोतल खरीदने की हालत में नहीं होते हैं लेकिन यदि शराब का छोटा पैक बाजार में उपलब्ध हो जाता है तो वह इस पैक के प्रति अधिक आकर्षित होंगे। हालांकि यह छोटा पैक बाजार में अब तक उपलब्ध नहीं है।

इतना ही नहीं तमिलनाडु सरकार शराब की दुकानें खुलने और बंद करने के समय में भी बदलाव करना चाहती है। विभाग के मंत्री मुथू स्वामी के मुताबिक शराब की दुकान खोलने का समय सुबह 7 बजे करना चाहत‌ी है।
तमिलनाडु के मत्स्य विभाग के पूर्व मंत्री डी जय कुमार ने तमिलनाडु सरकार के उत्पाद शुल्क मंत्री मुथूस्वामी के बयान का निंदा करते हुए कहा है कि अगर तस्माक द्वारा 90 मिलीलीटर का छोटा पैक बाजार में उपलब्ध होगा तो इस पैक की ओर सर्वाधिक किशोर व कम आमदनी वाले लोग आकर्षित होंगे और वह कम उम्र में शराबी बन जाएंगे। पूर्व मंत्री ने डीएमके सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ तमिलनाडु सरकार ने 500 शराब की दुकानें बंद कर दी है दूसरी तरफ आमदनी बढ़ाने के चक्कर में छोटा पैक बाजार में उपलब्ध कराना चाहती है यह आंख में धूल झोंकने के बराबर है। इससे पहले भी एमके स्टालिन की सरकार शराब की बिक्री वेंडिंग मशीनों के जरिए करना चाहती थी। बड़े-बड़ शोरूम, मेगामाल, सुपर मार्केट में वेंडिंग मशीनों के जरिए शराब परोसना चाहते थे लेकिन भारी विरोध के कारण सरकार पीछे हट गई।
लेकिन इनका मंसूबा तमिलनाडु को शराबी बनाने का है इसलिए किसी न किसी बहाने से तमिलनाडु के किशोरों में शराब की लत डालना चाहते हैं। सरकार को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को परेशानी हो।
अब सवाल उठता है जिस डीएमके सरकार ने चुनाव के वक्त तमिलनाडु में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था वह अपने वादे से इतर अलग अलग तरीके से तमिलनाडु में शराब क्यों बेचना चाहती है? इससे पहले शराब का वेडिंग मशीन‌ अब शराब की छोटा पैक बेचने का मन बना लिया है जिसकी निंदा चारों तरफ हो रही है।
तमिलनाडु सरकार पर यह भी आरोप है कि तमिलनाडु में शराब के बोतलों पर अंकित मूल्य से अधिक दाम लिए जाते हैं ।

(लेखक तमिलनाडु के स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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