
अंकारा। लगभग एक सदी में सबसे शक्तिशाली भूकंप ने सोमवार तड़के तुर्की और सीरिया को दहला दिया। भूकंप से नींद में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सैकडो इमारतें धराशायी हो गईं। भूकंप के झटके दूर इराक तक महसूस किए गए। झटके सीरिया, लेबनान, साइप्रस, ग्रीस और इस्राइल में भी महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.8 आंकी गई है। अशांत सीरिया और गृह युद्ध से प्रभावित अन्य क्षेत्रों के युद्ध प्रभावित लाखों लोग इससे प्रभावित हुए। आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि भूकंप के कम से कम 20 झटके महसूस किए गए। उन्होंने लोगों से जोखिम के कारण क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश नहीं करने का आग्रह किया। थोड़ी देर पहले एक बार फिर तुर्की में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए हैं। ताज़ा झटकों में बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं मिली है। लेकिन दूसरे भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप अर्देआन ने कहा है कि राहत और बचाव कार्य अभी जारी है और उन्हें नहीं पता कि हताहतों की संख्या कितनी बढ़ेगी। राहत और बचाव दल रेस्क्यू आॅपरेशन जारी रखे हैं। मलबे में लोगों की तलाश की जा रही है। मरने वालों की संख्या अभी बढने की आशंका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित तुर्की को मदद भेजने का फैसला किया है। भारत तुर्की को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( NDRF) का खोज एवं बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजेगा। सरकार की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की और वहां निर्णय लिया गया। निर्णय के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही मेडिकल टीमों को आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ तैयार किया जा रहा है।
ये राहत सामग्री तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से भेजी जाएगी।
तुर्की सीमा के दोनों किनारों पर पूर्व.सुबह के भूकंप से निवासियों की नींद उड़ गई। लोग घबराकर सर्दी, बरसात और बर्फीली सर्दियों की रात में बाहर निकल गए। भूकंप के जोरदार झटकों से इमारतें ढह गईं। भूकंप से 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं। मलबे के भीतर से अब तक 2470 लोगों को बचाया गया है। लेकिन अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं। तुर्की में भूकंप का पहला झटका सोमवार सुबह करीब सवा चार बजे आयाण् भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में था। जो सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है।इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है।