-राज्य बाल संरक्षण आयोग की सलाह
-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राज्य बाल संरक्षण आयोग ने सीख दी है कि यदि कोचिंग छात्र टेस्ट में अंक गंवाने की नैराश्य की भावना से उबर कर नशे से दूर रहते हुए यदि भविष्य की अपनी तैयारियां जारी रखें तो उनको सफलता मिलना तय है।
आयोग के अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने सोमवार को राजस्थान में कोटा के कुन्हाड़ी क्षेत्र में कोचिंग छात्रों से संवाद करते हुए छात्रों को तनाव मुक्त माहौल में रहकर अपनी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों को जारी रखने का संकल्प दिलाया और अपनी ओर से तनाव मुक्त अध्ययन के लिए कुछ तौर-तरीके भी सुझाए। उन्होंने कोचिंग छात्रों से रूबरू होकर कोचिंग संस्थानों एवं प्रशासन के उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी ली तथा तनावमुक्ति के लिए संकल्प दिलाये।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों 11 दिसम्बर को कोटा में अलग-अलग स्थानों पर तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या कर लेने के बाद यहां रह कर कोचिंग ले रहे छात्रों में तनाव का मसला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया था और उसके बाद से लगातार जिला प्रशासन छात्रों को तनाव मुक्त माहौल देने की दिशा में काम कर रहा है। इसी क्रम में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने आज कोटा का दौरा किया है।
आयोग अध्यक्ष ने एक कोचिंग संस्थान पहुंचकर विद्यार्थियों के लिए बैठक व्यवस्था, ओरिटेशन कार्यक्रम, विद्यार्थियों के तनावमुक्ति के लिए रखे गये काउन्सलर जानकारी ली। यहां से इन्दिरा विहार स्थित कोचिंग संस्थान पहुंचकर विद्यार्थियों सें रूबरू हुई तथा तनावमुक्त रहकर कोचिंग प्राप्त करने के टिप्स दिये। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने दोस्तो में तनाव होने पर काउन्सलर तथा प्रशासन को अवगत कराने का आव्हान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि नशे की लत से दूर रहे, दोस्तों से इमोशनल अटेचमेंट नहीं रखे, टेस्ट में कम अंक आने पर निराश होने के बजाय भविष्य में अच्छी तैयारी करें। उन्होंने कोचिंग संस्थानों में विद्याथियो की संख्या को देखते हुए काउन्सलर बढाने के निर्देश दिये।
औद्योगिक क्षेत्र रोड नम्बर-एक स्थित कोचिंग संस्थान पहुंचकर उन्होने प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाईन की पालना की जानकारी ली तथा विद्यार्थियों से रूबरू होकर व्यक्तिशः उनके विचार जाने। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी देश का भविष्य है वे तनाव में नहीं बल्कि खुश होकर शिक्षा प्राप्त करे, मेडिकल इंजीनियरिंग के अलावा भी अनेक क्षेत्र है जहां अपने सपनों को साकार किया जा सकता है।
बाद में बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा है कि कोटा में कोचिंग छात्राें के लिए माहौल बेहतर बनाने की दिशा में और सकारात्मक उपाय किए जाएं। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से स्थितियों में सुखद बदलाव आएगा। उन्होंने बालश्रम तथा भिक्षावृत्ति की रोकथाम केे लिए भी प्रभावी तरीके से कार्य करने की आवश्यकता बताई।
श्रीमती बेनीवाल ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में मानसिक तनाव को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई गाइड लाइन की पालना कराते हुए समय-समय पर जांच की जाये। उन्होंने कहा कि कोटा को शिक्षा की काशी कहा जाता है यहां देशभर से विद्यार्थी कोचिंग प्राप्त करने आते है, उन्हें कोचिंग कक्षाओं एवं होस्टलों में गाइड लाइन की पालना के साथ व्यवस्था की जाये।
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने जिला कलक्टर ओपी बुनकर द्वारा कोटा में कोचिंग छात्रों के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताने पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न स्तरों पर कोचिंग छात्रों के लिए सकारात्मक माहौल बनाने तथा उनकी समस्याआंे के निराकरण के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इनके श्रेष्ठ परिणाम आएंगे।
कलक्टर ओपी बुनकर ने कोचिंग छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं और तनाव के कारणों के बारे में जानकारी दी और बताया कि विभिन्न कोचिंग संस्थानों के लिए प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से कोचिंग संस्थानों व छात्रावासों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। इन अधिकारियों की नियमित बैठक कलक्टर स्तर पर ली जाकर फीडबैक के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।