-द ओपिनियन-
इन दिनों उत्तराखंड चीन सीमा के निकट भारत और अमरीका की सेनाओं के बीच अभ्यास युद्धाभ्यास चल रहा है। यह दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ का 18वां संस्करण है।
कोई भी सैन्य अभ्यास दो देशों के बीच रिश्तों व सैन्य सहयोग का एक अहम हिस्सा है लेकिन भारत- अमरीका के बीच अभ्यास चीन को रास नहीं आ रहा है। उसको इससे खूब मिर्ची लगी हुई है। वह अब भारत को उपदेश दे रहा है पुराने समझौते याद दिला रहा है। लेकिन क्या चीन ने कभी किसी समझौते का पालन किया है। क्या आपसी सहमति और विश्वास को कायम रखा है? पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बने हालात चीन के इसी रवैये के परिचायक हैं कि वह खुद किसी समझौते का पालन नहीं करता।
चीन को अब पुराने समझौते याद आ रहे
भारत अमरीका के बीच जारी सैन्य अभ्यास का उद्देश्य शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है। लेकिन चीन को अब पुराने समझौते याद आ रहे हैं। उसका दावा है कि यह अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है। लेकिन चीन को ये समझौते तब याद नहीं रहे जब उसने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया। जबकि समझौते के अनुसार शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण परामर्श के माध्यम से सीमा विवाद का का समाधान किया जाना है।

क्यों अहम है यह युद्धाभ्यास
भारतीय सेना को हाई एल्टीट्यूड पर लडाई लडने का अनुभव है। हाई एल्टीट्यूड लडने, साजो समान पहुंचाने की जो क्षमता और अनुभव भारतीय सेना के पास है, वह भी किसी और के पास नहीं है। हाई एल्टीट्यूड पर लडने की अपनी चुनौतियां हैं क्योंकि युद्ध क्षेत्र दुगर्म पर्वतीय इलाका होता है।
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चीन को बर्दाश्त नहीं भारत अमरीका के बीच सहयोग
असल बात तो यह है कि चीन को भारत अमरीका के बीच बढते रिश्ते और सैन्य सहयोग बर्दाश्त नहीं होता। अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच विवाद के दौर में चीन ने अमरीका को चेताया था कि अमरीका भारत व चीन के रिश्तों में दखलअंदाजी न करे।पेंटागन ने यह रिपोर्ट अमरीकी कांग्रेस को दी है। रिपोर्ट के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ अपने गतिरोध के दौरान चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने की कोशिश की। ािवसेर्ट के अनुसार चीन और अमरीका को नजदीक आने से रोकने के लिए इस तरह का हथकंडा अपना रहा है। वह भारत को रोकने के लिए सीमा पर तनाव चाहता है। चीनी अधिकारियों ने अमरीकी अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे भारत के साथ चीन के रिश्तों में दखल न करें।