
-कांग्रेस के लिए अपनी ‘एकला चालो’ की राह चुनने का अवसर
-देवेंद्र यादव-

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भले ही नाराज और दुखी है, मगर यदि कांग्रेस के नेता भविष्य के राजनीतिक परिपेक्ष में देखें तो महाराष्ट्र में विपक्ष की यह हार कांग्रेस के लिए, सुखद दिखाई देगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बटवारे के समय इंडिया घटक दल पवार और उद्धव ठाकरे गुट अंदर ही अंदर कांग्रेस को कमजोर कड़ी मानकर बार्गेनिंग करने पर उतर आए थे। तब शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेता संजय राउत बड़ी-बड़ी बातें करते हुए नजर आए। राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ा दिल दिखाना चाहिए। शिवसेना उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की मजबूत सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। इंडिया गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में जो कामयाबी मिली उसमें कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी कि भारत जोड़ो पदयात्रा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ अभियान की बड़ी भूमिका थी। यह प्रभाव महाराष्ट्र के नांदेड़ लोकसभा के उप चुनाव में भी नजर आया। कांग्रेस ने नांदेड लोकसभा के उप चुनाव को जीता। इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार गई मगर कांग्रेस ने नांदेड लोकसभा का उपचुनाव जीत लिया। इसी तरह से समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को यह मुगालता हो गया था कि उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने जो 43 सीट जीती उसमें बड़ा योगदान समाजवादी पार्टी का था। शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस को समाजवादी पार्टी ने एक भी सीट नहीं दी। सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़े। परिणाम देश के सामने है। समाजवादी पार्टी केवल एक विधानसभा सीट जीत सकी। जब कांग्रेस और समाजवादी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कशमकश चल रही थी तब मैंने अपने ब्लॉग में 28 अक्टूबर को लिखा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का उपचुनाव यह तय करेगा कि उत्तर प्रदेश मे 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को 43 लोकसभा सीट किस नेता और किस पार्टी के दम पर मिली थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव ने भी साबित कर दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को जो 43 सीट मिली थी उसमे बड़ा योगदान राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा और मल्लिकार्जुन खरगे का संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ अभियान मुख्य था। यदि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की बड़ी भूमिका होती तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी बुरी तरह से चुनाव नहीं हारती।
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव ने इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेताओं शरद पवार, संजय राउत और अखिलेश यादव की गलतफहमी को दूर किया है। यह कांग्रेस की भविष्य की राजनीति के लिए सूखद है। इसलिए महाराष्ट्र की हार कांग्रेस के लिए आने वाले दिनों में वरदान साबित होगी। अब कांग्रेस को अपना स्वयं का रास्ता चुनना होगा और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अकेले लड़ना होगा !
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)