तमिलनाडु में चक्रवात और मूसलाधार बारिश से निपटने के लिए एनडीआरएफ कि टीमें तैयार

आगामी 8 दिसम्बर 9 दिसंबर को तमिलनाडु के आठ जिले समेत भारी बारिश की आशंका है, महानगर में अभी भी 60% जनक निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है जलजमाव से निबटने के लिए सरकार ने अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर काम अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है

-विष्णु देव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(तमिलनाडु के स्वतंत्र पत्रकार एवं व्यवसायी)

चेन्नई। भारतीय मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक चेन्नई सहित तमिलनाडु के डेल्टाई क्षेत्र और आठ जिले में आगामी 8 और 9 दिसंबर को भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। हालांकि तमिलनाडु सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन किसी भी परस्थितियों से निपटने के लिए व्यापक तैयारी करने की बात कह रही है, लेकिन जमीनी हकीकत बेहद ही चिंताजनक है। महानगर में 60 प्रतिशत से भी अधिक ड्रैनेज निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। बीते महीने दक्षिण चेन्नई के अधिकांश इलाकों में भारी जलजमाव के कारण आमजन को घर से निकलने में भी परेशानी हुई थी वहीं कई इलाकों के लोगों को अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया था।

एनडीआरएफ और एसटीआरएफ का 10 टीमें तैयार

आपदा प्रबंधन मंत्री केके एसएसआर रामचंद्रन के अनुसार तमिलनाडु में आशंकित साइक्लोन और मूसलाधार बारिश से निबटने के लिए तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों में और चेन्नई में एनडीआरएफ की दस और एसडीआरएफ की टीम तैयार है, जिसे नागापट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरुर, कडलूर, मईलादुरै, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवालुर और विल्लीपुरम जिले में तैनात किया है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के कारण 7 दिसंबर शाम से ही हल्की बारिश शुरू हो सकती है। आपदा प्रबंधन मंत्री रामचंद्रन के अनुसार तमिलनाडु के 7 जिले के कलेक्टरों समेत ग्रेटर चेन्नई कारपरेशन के अधिकारियों को भी किसी भी चुनौतियों से निपटने की निर्देश दे दी गई है।

महानगर में 169 राहत केंद्र और जलनिकास हेतु 805 पंप

आपदा प्रबंधन मंत्री के अनुसार ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा बाढ़ से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 169 राहत केंद्र खोले गए हैं। वहीं मूसलाधार बारिश के बाद जलजमाव रोकने के लिए 805 पंप तैयार रखे हैं जिससे किसी भी इलाकों में जलजमाव को कम करने के लिए लगाया जाएगा। वहीं राज्य के अन्य जिलों में 5093 राहत शिविर लगाया जाएगा साथ ही निचले इलाकों के लोगों को एक जगह से दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए 121 जगह रहने की व्यवस्था की गई है। विकट परिस्थिति उत्पन्न होने पर सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिया गया है कि वह बाढ पीड़ित को सही जगह पर पहुंचाने का माकूल व्यवस्था करें। और उनके रहने और खाने का भी व्यवस्था करें।
यहां उल्लेखनीय है की वर्ष 2015 में चेन्नई सहित तमिलनाडु के अन्य जिलों में लोग भारी बारिश के कारण बाढ जैसी विभीषिका झेल चुके हैं, पिछले एआईएडीएमके सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता ने तमिलनाडु में आधुनिक ड्रेनेज निर्माण करने की घोषणा की थी, लेकिन उनके इंतकाल के बाद 10 सालों तक सरकार में रही एआईएडीएमके तमिलनाडु में ड्रेनेज का निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाई फिर सरकार बदल गई है। डीएमके सरकार भी पिछले 2 सालों से सत्ता में है, बावजूद इसके चेन्नई महानगर में ड्रेनेज का निर्माण कार्य 60 फ़ीसदी अधूरा है, भारी बारिश आने पर कई इलाके जलमग्न हो जाते हं। वहीं सड़कों पर भारी जलजमाव के कारण आमजन को आवाजाही में बेहद मशक्कत करनी पड़ती है सरकारें किसी भी परिस्थिति से निबटने की बातें तो करती है लेकिन जब समस्याएं आती है तो उससे निबटने में आमजन को बेहद जद्दोजहद का सामना करना पड़ता है जिससे जानमाल की क्षति भी होती रही है?

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