
-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के मसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को सुनाई खरी-खरी
-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज न केवल खरी-खरी सुनाई बल्कि यह भी कहा कि अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान प्रदेश में आकर वे यहां की जनता को ही प्यासा रखना चाहते हैं।
बारां में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद आज कोटा लौट कर श्री गहलोत ने कोटा के हवाई अड्डे पर अपने अल्प प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान की दृष्टि से महत्वकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मसले पर प्रधानमंत्री जनता को दिग्भ्रमित कोशिश करने की कोशिश कर रहे हैं। वे अब से दो राज्यों का मुद्दा बता रहे हैं जबकि दोनों राज्य राजस्थान और मध्य प्रदेश ने ही तो वर्ष 2005 में इस योजना का खाका बनाया था और जिसे बाद में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शासनकाल के दौरान उनकी मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने ही तैयार करके पेश किया था और पिछले विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर और जयपुर की सभाओं में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने की बात कही थी लेकिन अब वे इसे दो राज्यों का मसला बताकर जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। तमाशा बना रखा है। प्रधानमंत्री को बड़ा दिल रखना चाहिए। जनता को प्यासा क्यों रखना चाहते हो? श्री गहलोत ने कहा कि यह परियोजना जन कल्याणकारी है। तेरह जिलों के लाखों लोगों को लाभान्वित करने वाली है। इससे न केवल कृषि भूमि की सच्चाई होगी बल्कि ग्रामीणों को पीने के लिए पानी मिलेगा। अब इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने में कहां दिक्कत है जबकि खुद प्रधानमंत्री ने उसका आश्वासन दिया था।
बीबीसी के दिल्ली मुख्यालय पर छापे की आलोचना
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली मुख्यालय पर छापे मारे जाने के मसले को लेकर श्री गहलोत ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि सरकार को जनता को बताना चाहिए कि आखिर वे छाप क्यों मार रही है। चुनाव नजदीक आते हैं तो तीन केंद्रीय एजेंसियां केंद्रीय जांच ब्यूरो, इनकम टैक्स,प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय हो जाते है और छापे मारते हैं। केंद्र सरकार बीबीसी की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाने की कोशिश कर रही है जबकि बीबीसी की अपनी साख है। अपनी विश्वसनीयता है, उसे गांव-गांव में सुना जाता है। बीबीसी कार्यालय पर छापा मारना दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार को जनता को बताना चाहिए कि यह छापे क्यों मारे? वरना इससे सरकार की भी बदनामी होगी।
पूरे देश में राजस्थान को बदनाम करने की कोशिश
श्री गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में पुराना बजट पढ़ने के मसले पर कहा कि अगर 34 सेकंड में दो पैरा पढ दिए तो क्या बवाल हो गया? पूरे देश में राजस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पार्लियामेंट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोल रही है कि पिछले साल का बजट पड़ रही है। यह मानवीय भूल थी और भूल को तुरंत सुधार भी लिया गया। राजस्थान को बदनाम करने की कहां जरूरत है? प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक होने के मसले पर श्री गहलोत ने कहा कि इस में नया क्या हुआ? पेपर तो लीक होते रहते हैं। हर राज्य में होते हैं। मध्यप्रदेश में हुआ गुजरात में हुआ है।विदेशी लोग तो आकर पेपर लीक नहीं कर रहे है। राजस्थान सरकार लाखों युवाओं को रोजगार दे रही है।
हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण सड़क मार्ग से कोटा लौटे
इसके पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण बारां से सड़क मार्ग से होते हुए कोटा लौटना पड़ा। बारां में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद जयपुर लौटने के लिए मुख्यमंत्री बारां में बनाए गए हैलीपेड़ पहुंचे गये थे और हेलीकॉप्टर में सवार भी हो गए थे, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी जब पायलट हेलीकॉप्टर चालू नहीं कर पाया तो मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से नीचे उतर गए और हेलीपैड के पास ही बनाए सैफ़ हाउस में चले गए। बाद में उन्होंने सड़क मार्ग से कोटा लौटने का निर्णय किया तो आनन-फानन में प्रशासन ने बारां से कोटा के बीच सुरक्षित लौटने के लिए पुलिस को अलर्ट किया और पूरे रास्ते पर पुलिस की तैनाती भी की गई ताकि मुख्यमंत्री का काफिला निर्बाध रूप से कोटा लौट सके। इस तरह मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से कोटा और बाद में यहां से विमान से रवाना हुए।

















