
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अशोक गहलोत के नामांकन दाखिल करने की व्यापक संभावना के घटनाक्रम के बीच सचिन पायलट ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। पायलट बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ शामिल हुए। राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में राहुल और सचिन के बीच चर्चा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गहलोत ने कथित तौर पर आलाकमान से कहा है कि अगर वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करते हैं तो वह राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में सचिन के उत्तराधिकारी के पक्ष में नहीं हैं। गहलोत के जल्द ही केरल जाने और भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के दौरान राहुल गांधी के साथ चर्चा करने की संभावना है।

केरल के तिरुअनंतपुरम के अर्नाकुलम मे राहुल गांधी के साथ यात्रा के दौरान सचिन पायलट ने राहुल से अनुरोध किया कि देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की व्यापक भावनाओं को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने का अनुरोध किया।
सचिन पायलट ने पद यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ बराबरी की गति रखी। इस दौरान उन्होंने राहुल से बातचीत जारी रखी। हालांकि राहुल को देखने के लिए रास्ते में बडी संख्या में लोग जुट जाते थे और राहुल उनका हाथ हिलाकर स्वागत करते।
सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने यात्रा के दौरान राहुल गांधी से कई मामलों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कई प्रदेश कांग्रेस समितियों ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर राहुल जी को अध्यक्ष पद के लि विचार करने के लिए कहा है। लेकिन यह राहुल का निर्णय है कि अध्यक्ष का चुनाव लडें या नहीं।
लेकिन कांग्रेस नेताओं की भावनाओं से एआईसीसी को अवगत करा दिया गया है। अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को इस पद के लिए नामांकन शुरू है। “हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि कौन नामांकन दाखिल करेगा और मतदाता क्या फैसला करेंगे। कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो इस तरह से चुनाव कराती है।
यह पूछे जाने पर कि गहलोत या शशि थरूर में कौन अध्यक्ष होगा, सचिन पायलट ने कहा; “हमें दो या तीन दिनों तक इंतजार करना होगा कि स्थिति क्या बनती है। जयराम रमेश कह चुके हैं कि जो कोई भी चुनाव लड़ने का इच्छुक है वह नामांकन दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है। यह एक बहुत ही खुली और पारदर्शी प्रक्रिया है, इसलिए कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करें कि कौन वास्तव में नामांकन दाखिल करता है,
सचिन ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। इसे न केवल केरल और तमिलनाडु में बल्कि पूरे देश में भारी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, लोग उत्सुकता से इस यात्रा के अपने-अपने राज्यों में पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।