गोडावन के लिए सोरसन को बचाने का संकल्प

- सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा दिया जाए

sorasan

-बृजेश विजयवर्गीय-
कोटा। एक स्वर से बोले सब कि सोरसन में गोडावण ब्रीडिंग सेंटर चाहिए न कि यहां पत्थर फोड़े जाऐं। गत दिवस बारां जिले में हिरणों और गोडावण के लिए प्रसिद्ध सोरसन के अमलसरा में छात्रों और वन्यजीव प्रेमियों ने गोडावण के लिए सोरसन बचाने का संकल्प लिया। विधायक एवं वन्यजीव प्रेमी भरत सिंह के आव्हान पर वन्यजीव संरक्षण सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में जिला कलेक्टर, पुलिस महानिरीक्षक,पुलिस अधीक्षक,मुकुंदरा के क्षैत्र निर्देशक,मुख्य वन सरंक्षक,कोटा व बारां के उप वन संरक्षक के अलावा पर्यावरण विशेषज्ञों ने भाग लिया।

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विधायक भरत सिंह अधिकारियों से चर्चा करते हुए

इस अवसर पर भरत सिंह ने कहा कि गोडावण ब्रीडिंग सेंटर के यहां आने से भविष्य में नई पीढी को गोडावण देखने को मिलेंगे। जिम्मेदारों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सिंह ने कहा कि देश में 200 से भी कम गोडावण बचे है। आजादी के समय देश की आबादी 35 करोड़ थी जो अब 135 करोड़ हो गई है। वन संपदा और वन्यजीवों की कई प्रजातियां हमेशा के लिए समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि जब खेत को बाड़ ही खा जाए तो जिम्मेदारी किस पर आऐगी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पीके खमेसरा ने कहा कि गोडावण यहां विलुप्त होना चिंता जनक है। वातावरण में तेज गर्मी का कारण भी यहीं है कि पेड़ कटते जा रहे है। हमें चाहिए कि पेड़ों को कटने से रोकें तभी पर्यावरण संतुलित रहेगा। जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सोरसन में नम भूमि व चारागाह का संरक्षण होना अच्छी बात है। बढ़ते शहरीकरण कारण परिस्थितिकी संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण पर भी चिंता जताई। मुख्य वन संरक्षक महेश गुप्ता ने कहा कि किसी भी क्षैत्र के पर्यावरण का स्वास्थ्य वहां पर मौजूद वन एवं वन्यजीवों के कारण पता चलता है। नम भूमि और चारागाह को बचाने की जरूरत है। चम्बल फर्टिलाईजर एंड केमिकल उद्योग समूह के महाप्रबंधक भूपेंद्र सिंह ने अभी यहां गोडावण नहीं है लेकिन नम भूमि और चारागाह विकसित की गई है। हमारे लिए पर्यावरण सुरक्षा प्राथमिकता में है। जिला प्रशासन और वन विभाग का हमेशा सहयोग मिल है। मुकुंदरा के क्षैत्र निर्देशक एसपी सिंह,उप वन सरंक्षक बीजो जोय,जयराम पाण्डे आदि अधिकारी मौजूद थे। बारां के उप वन सरंक्षक दीपक गुप्ता ने सभी का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ आरबी कुमार,सुरभि श्रीवास्तव, जल बिरादरी की बाघ -चीता मित्र व चम्बल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय,आरएस तोमर,जयवर्द्धन सिंह,तपेश्वर सिंह,बनवारी यदुवंशी के अलावा अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

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कार्यक्रम में शामिल हुए बच्चे

सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा दिया जाए
इस मौके पर चम्बल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि यहां पर घास के मौदानों और नम भूमि की जैव विविधता बची हुई है। काले हिरण और अन्य प्रजातियां है। इस जंगल को बचाने के लिए सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। वन विभाग को इस प्रकार के प्रस्ताव राज्य सरकार व केंद्र को भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जंगल और वन्यजीवों को बचाने के लिए ग्रामीणों को संगठित होने की जरूरत है। वन और वन्यजीव रहेंगे तभी हमारा जीवन बचेगा। उन्होंने राज्य पक्षी गोडावण के प्रजनन के लिए सोरसन को बेहतर जंगल बताया। उन्होंने जंगली जीवों को बचाने के लिए महिलाओं और पुरूषों को शिकारियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होना होगा।

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